रायपुर में जिस धर्म संसद के दौरान कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी उस धर्म संसद के आयोजन और आयोजक पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सवाल यह है कि क्या बीजेपी और अन्य हिंदू संगठनों को बदनाम करने के लिए धर्म संसद का आयोजन किया गया था? यह सवाल बीजेपी आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय के ट्वीट के जरिए उठाया है। अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा है कि रायपुर में धर्मसंसद से बनी खबरों के आधार पर हमेशा की तरह बीजेपी और अन्य हिंदू संगठनों को बदनाम किया जा रहा है लेकिन इसका असली आयोजक कौन है? एनसीपी छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष नीलकंठ त्रिपाठी!
उन्होंने नीलकंठ त्रिपाठी के जुड़ी तस्वीरें और मीडिया क्लिप शेयर करते हुए कहा कि आप खुद देखिए सेक्यूलिरज्म की आड़ में कट्टरता को ढकना आसान है! अमित मालवीय ने नीलकंठ त्रिपाठी के सोशल मीडिया पर जारी वीडियो और तस्वीरों शेयर किया। एक तस्वीर में नीलकंठ त्रिपाठी की कथित तस्वीर के पीछे एनसीपी का चुनाव चिन्ह भी बना हुआ है।
आपको बता दें कि रायपुर के धर्म संसद में कालीचरण महाराज में महात्मा गांधी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी। कालीचरण महाराज के खिलाफ एक्शन लेने की मांग उठने लगी। इसके बाद रायपुर में कालीचरण महाराज के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। 30 दिसंबर की सुबह 4 बजे रायपुर की पुलिस ने मध्यप्रदेश के खजुराहो शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम के पास किराए के मकान से गिरफ्तार किया।
रायपुर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि कालीचरण उर्फ अभिजीत धनंजय सराग को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस गुरुवार की शाम उन्हें लेकर रायपुर पहुंची और प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी चेतना ठाकुर की अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अग्रवाल ने बताया कि शहर के टिकरापारा थाने में कालीचरण के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद रायपुर पुलिस के दलों को उनकी तलाश में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और दिल्ली रवाना किया गया था। रायपुर पुलिस के सात सदस्यीय दल ने कालीचरण को गिरफ्तार किया। हालांकि इस गिरफ्तारी के तरीके पर मध्यप्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि बिना मध्य प्रदेश पुलिस को खबर किए रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया जो उचित नहीं हैं। मध्य प्रदेश पुलिस को जानकारी देनी चाहिए थी।
रायपुर के रावणभाठा मैदान में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द बोलने के आरोप में कालीचरण के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। कालीचरण की टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर रायपुर जिले की पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2)(विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) तथा 294 (अश्लील कृत्य) के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी की कोशिश शुरू कर दी थी। कालीचरण महाराज की टिप्पणी को लेकर छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं ने नाराजगी जताई थी। वहीं इस मुद्दे को महाराष्ट्र विधानसभा में भी उठाया गया था, जहां शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार ने कालीचरण के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था। इस सिलसिले में हिंदू धर्म गुरु के खिलाफ सोमवार को महाराष्ट्र के अकोला में भी मामला दर्ज किया गया था।