बंटवारे के समय जम्मू एवं कश्मीर रियासत के महाराजा रहे हरि सिंह के पोते विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि विक्रमादित्य सिंह के पिता कर्ण सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं। विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी एक चिट्ठी में विक्रमादित्य ने कहा कि पार्टी जम्मू एवं कश्मीर के लोगों की भावनाओं को समझ पाने में नाकाम रही है।
‘जमीनी हकीकत से दूर है कांग्रेस’
विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर लिखा, ‘मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना इस्तीफा देता हूं। जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राष्ट्र हित को लेकर मेरी स्थिति कांग्रेस पार्टी के साथ मेल नहीं खाती है। पार्टी जमीनी हकीकत से कट चुकी है।’ पोस्ट के साथ उन्होंने एक पत्र साझा किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘प्रिय श्रीमती सोनिया गांधी जी, मैं तत्काल प्रभाव से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मेरा मानना है कि कांग्रेस जम्मू एवं कश्मीर के लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं को महसूस करने और व्यक्त कर पाने में असमर्थ है।’
पिछले कुछ दिनों से थे मुखर
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से विक्रमादित्य सिंह कश्मीरी पंडितों के पलायन और अन्य मुद्दों को लेकर मुखर नजर आए हैं। हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट में कहा था कि कश्मीर में जो हुआ वह नरसंहार से कम नहीं था। उन्होंने लिखा था कि कश्मीर, डोडा, भद्रवाह और किश्तवाड़ के हिंदुओं को मारा गया और उन्हें अपनी मातृभूमि से निकाल दिया गया। मैं 1989 में श्रीनगर में था। उसके बाद मेरे परिवार को अपूरणीय क्षति हुई। सैकड़ों की जान चली गई। बता दें कि हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया है।