राष्ट्रपति पद चुनावों के बाद देश का अगला उपराष्ट्रपति भी चुना जाना है। चुनावों के लिए 5 जुलाई को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी और 19 जुलाई तक नामांकन होंगे। 6 अगस्त को चुनाव होंगे और इसी दिन मतगणना भी होगी। मौजूदा उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 11 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। अतः इससे पहले देश का नया उपराष्ट्रपति भी चुन लिया जायेगा।
उपराष्ट्रपति के पद के लिए सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि NDA की तरफ से अमरिंदर सिंह प्रत्याशी होंगे। कहा जा रहा है कि पंजाब चुनावों से कुछ महीने पहले कांग्रेस से अलग होकर अपना नया दल बनाने वाले अमरिंदर सिंह के नाम पर NDA में आम सहमति हो चुकी है। इसके अलावा कहा जा रहा है कि अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ को भाजपा में मर्ज कर देंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस में रहने के दौरान भी कैप्टन के PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अच्छे संबंध रहे हैं। पार्टी मर्ज करने के साथ उनकी उम्मीदवारी का ऐलान होगा।
कैप्टन इलाज के लिए अभी लंदन में हैं। उनकी सर्जरी हुई है। वह इस महीने के दूसरे हफ्ते में पंजाब लौट आएंगे। देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है। इससे पहले 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव होंगे। इसके लिए 5 जुलाई को अधिसूचना जारी होने के बाद 19 जुलाई तक नामांकन भरे जाएंगे।
अमरिंदर के सहारे पंजाब साधने की कोशिश
भाजपा कैप्टन अमरिंदर सिंह के सहारे पंजाब को साधने की कोशिश कर रही है। यहां पंजाब में अकाली दल बीजेपी की सहयोगी हुआ करती थी, लेकिन कृषि बिल और किसान आंदोलन के बाद दोनों का गठबंधन टूट गया। किसान आंदोलन के बाद सिख समुदाय बीजेपी से नाराज बताया जाता है, जिसके बाद सिख समुदाय से नजदीकी बढ़ाने के लिए भाजपा हर दांव खेल रही है। प्रधानमंत्री मोदी सिख शख्सियतों से मिल रहे हैं। वहीं, लाल किले में श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाश उत्सव भी मनाया जा चुका है। और इसी क्रम में अब कैप्टन को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बना सकती है। कैप्टन पंजाब के सियासी दिग्गज माने जाते हैं। पंजाब के शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह वह एक चर्चित नेता हैं। इसलिए कैप्टन के सहारे 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पंजाब की 13 सीटों पर नजर लगाए बैठी है।
हालांकि विधानसभा चुनावों में नहीं दिखा सके थे कमाल
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह 2 बार पंजाब के CM रहे हैं। मुख्यमंत्री के रूप में उनका लगभग साढ़े 9 साल का कार्यकाल रहा। पिछले साल चुनाव से 3 महीने पहले कांग्रेस ने उन्हें CM की कुर्सी से हटा दिया था। जिसके बाद कैप्टन ने ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ के नाम से नई पार्टी बनाई। फिर भाजपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा, लेकिन उनके कैंडिडेट के साथ कैप्टन खुद भी हार गए। भाजपा को भी केवल 2 सीटें ही मिलीं। हालांकि, इस हार को पंजाब के लोगों की पारंपरिक दलों से बदलाव की इच्छा से जोड़कर देखा जा रहा है।