जनसंख्या नियंत्रण विधेयक को लागू करने के असम और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव के बाद, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून के संबंध में उच्च स्तरीय समितियां बनाने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य द्वारा गठित समिति भूमि कानून और जनसंख्या नियंत्रण कानून पर गौर करेगी।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर 11 जुलाई को राज्य की जनसंख्या नीति 2021-2030 पेश किया था। सीएम योगी ने कहा कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए एक समुदाय केंद्रित नजरिए की आवश्यकता है ताकि नागरिकों को और राज्य के विकास के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में, राज्य की प्रजनन दर 2.7% है जो 2.1% से कम होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार को छोड़कर अधिकांश राज्यों में यह आंकड़ा 2.1% से कम है।
उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030
यूपी सरकार दो बच्चे की नीति का पालन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को प्रोत्साहित करेगी। वे अपनी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल और जीवनसाथी को बीमा कवरेज, बिजली, पानी जैसी उपयोगिताओं के लिए छूट ले सकेंगे।
एक बच्चे वाले सरकारी कर्मचारियों को 20 साल की उम्र तक बच्चे को मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल और बीमा कवरेज के अलावा सभी शैक्षणिक प्रतिष्ठानों और सरकारी नौकरियों में पहले बच्चे को वरीयता दी जाएगी और स्नातक स्तर तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।
‘टू चाइल्ड और वन चाइल्ड’ पॉलिसी का पालन करने वाले गैर सरकारी कर्मचारी बिजली और पानी के बिल, हाउस टैक्स और होम लोन पर छूट पाने के योग्य होंगे। अगर कोई इस नीति का पालन नहीं करता है, तो वे ऐसी योजनाओं का लाभ नहीं ले सकता है। उत्तर प्रदेश विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्य नाथ मित्तल ने कहा कि वे सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे और यदि वे पहले से ही सरकारी कर्मचारी हैं, तो उन्हें पदोन्नति नहीं मिलेगी।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को बयान दिया कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण नीति में जल्द ही फैसला ले सकती है। संभव है कि अगस्त महीने में जनसंख्या नियंत्रण नीति पर अधिसूचना जारी हो।