कहते हैं कि पढ़ने की ललक हो तो कोई कहीं भी पढ़ सकता है। ताजा मामला यूपी के शाहजहांपुर का है। यहां एक 5 साल के बच्चे की हत्या के दोषी कैदी ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन में पास की है। बता दें कि शाहजहांपुर जिले की एक अदालत ने मनोज यादव नाम के इस शख्स को फांसी की सजा सुनाई है। जिला कारागार शाहजहांपुर के जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने रविवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मनोज यादव ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा में 64 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।
दसवीं क्लास के नतीजे 18 जून 2022 को घोषित हुए
यूपी बोर्ड के दसवीं क्लास के नतीजे 18 जून 2022 को घोषित हुए हैं। मनोज ने 10वीं क्लास का फॉर्म जेल से ही भरा था लेकिन जब उसे फांसी की सजा हुई तो उसने पढ़ना छोड़ दिया। हालांकि बाद में पुलिस अधिकारियों ने उसे पढ़ने के लिए प्रेरित किया तो उसने फिर से पढ़ाई शुरू की और अब फर्स्ट डिवीजन हासिल की।
मनोज यादव मूल रूप से थाना कलान क्षेत्र का है और वह 28 जनवरी 2015 को 5 साल के अनमोल की गोली मारकर हत्या करने के मामले में दोषी है। उसे इस मामले में 24 नवंबर 2021 को फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि मनोज ने जब जेल के अंदर पढ़ना शुरू किया तो पुलिस ने उसे पढ़ने के लिए किताबें भी उपलब्ध करवाईं और उसे गाइड भी किया।
कैसा रहा यूपी बोर्ड के 10वीं क्लास का रिजल्ट
यूपी बोर्ड के 10वीं के नतीजे शनिवार को जारी हुए थे। इस बार लड़कियों ने दसवीं के नतीजों में बाजी मारी है और लड़के पीछे छूट गए हैं। हाईस्कूल का कुल रिजल्ट 88.8 फीसदी रहा है, जिसमें लड़कियों का प्रतिशत 91.69 फीसदी और लड़कों का 85.25 फीसदी रहा है। हाई स्कूल में कानपुर के प्रिंस पटेल टॉपर रहे हैं। दूसरे स्थान पर मुरादाबाद की संस्कृति ठाकुर और कानपुर की किरण कुशवाहा रही हैं। कन्नौज के अनिकेत शर्मा तीसरे नंबर पर रहे हैं।
चौथे स्थान पर कानपुर नगर की पलक अवस्थी और प्रयागराज की आस्था सिंह हैं। पांचवे नंबर पर सीतापुर की एकता वर्मा, रायबरेली के अथर्व श्रीवास्तव, कानपुर नगर की नैंसी वर्मा और कानपुर नगर की ही प्रांशी द्विवेदी हैं। परीक्षा में टॉप करने वाले शुरुआती 10 लोगों में कानपुर के सबसे ज्यादा 5 टॉपर्स हैं।
10वीं और 12वीं की यूपी बोर्ड की परीक्षा इस साल 24 मार्च से 13 अप्रैल 2022 तक आयोजित हुई थी। जिसमें करीब 51 लाख स्टूडेंट्स ने यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसमें से 47 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने बोर्ड परीक्षा दी थी और 4 लाख के करीब बच्चों ने परीक्षा छोड़ दी थी। आंकड़ों की बात करें तो यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए कुल 51,92,689 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें से 47,75,749 छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया था।