TS Singhdeo Resigns: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कांग्रेस सरकार के अंदर चल रही खींचतान सड़कों पर आ गई है। पार्टी के दिग्गज नेता और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने पंचायत और ग्रामीण विभाग की अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है। उनके इस्तीफे से सरकार और संगठन में खलबली मच गई है। कांग्रेस आलाकमान 2 दिग्गजों के इस टकराव से निपटने की तैयारी में जुट गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में सीएम पद की दावेदारी को लेकर सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री रहे टीएस सिंह देव के बीच के राजनीतिक मतभेद लंबे समय से सामने आते रहे हैं।
कांग्रेस आलाकमान ने किया था CM बनाने का वादा?
बीते महीनों में टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल दिल्ली के लगातार दौरों में कांग्रेस आलाकमान के दरबार में हाजिर होते रह हैं। टीएस सिंहदेव के दिल्ली दौरे को लेकर कहा जाता था कि कांग्रेस आलाकमान ने अघोषित रूप से ढाई-ढाई साल दोनों को सीएम बने रहने के लिए कहा था, इसी के चलते किए सिंहदेव लगातार दरबार में नजर आए। टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र के अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता के रूप में पहचान बनाने वाले टीएस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के टकराव के किस्से अक्सर सुनाई देते रहे हैं।
सिंहदेव ने अपने इस्तीफे में लगाए हैं कई आरोप
सिंहदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे अपने इस्तीफे में कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि के आवंटन के लिए कहा गया था, लेकिन राशि न मिलने के कारण 8 लाख गरीब लोगों के घर नहीं बनाए जा सके। इसके अलावा कुछ नियुक्तियों को लेकर भी सिंहदेव ने अपनी राय की अनदेखी और अनियमितता का आरोप लगाया है। सिंहदेव ने इस्तीफे में कहा है कि जिम्मेदारियां निभा पाने में असमर्थ होने के कारण मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
सिंहदेव, बघेल में फिर शुरू होगा टकराव का दौर!
टीएस सिंह देव के समर्थक मानते हैं कि आलाकमान ने ढाई साल बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद देने का वादा किया था, लेकिन ढाई साल पूरे होने के बाद भी सिंहदेव के साथ किया गया वादा आलाकमान ने नहीं निभाया। वहीं, भूपेश बघेल अपनी दावेदारी मजबूत करते हुए यह कहते नजर आते थे कि ‘काका अभी जिंदा हैं, घबराने की जरूरत नहीं है।’ बता दें कि भूपेश बघेल अपने समर्थकों में काका उस नाम से जाने जाते हैं। माना जा रहा है कि सिंहदेव के इस्तीफे के बाद दोनों नेताओं के बीच टकराव का दौर एक बार फिर शुरू होने वाला है।