धनबाद में जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एसआईटी को मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच सुनिश्चित करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को 3 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। झारखंड हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि रिपोर्ट के आधार पर, वे समीक्षा करेंगे कि क्या मामला होना चाहिए। एसआईटी द्वारा जांच की जानी चाहिए या सीबीआई को सौंप दी जानी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हम यह स्पष्ट करते हैं कि यह न्यायालय मामले में त्वरित, निष्पक्ष और पेशेवर जांच चाहता है। न्यायालय मामले की प्रगति की निगरानी करेगा और यही कारण है कि हम इस मामले को 3 अगस्त को टाल रहे हैं, ताकि विशेष जांच दल द्वारा जांच जारी रखने या निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए इसे सीबीआई को सौंपने के लिए मामले में प्रगति को देखा जा सके।’
धनबाद के प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा मामले में याचिका दायर करने के बाद 29 जुलाई को झारखंड उच्च न्यायालय ने न्यायाधीश आनंद की मौत की एसआईटी जांच का आदेश दिया था। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय लातकर, आईजी प्रिया दुबे, एसएसपी धनबाद और डीआईजी मयूर पटेल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी धनबाद में एक न्यायाधीश की 28 जुलाई की सुबह में एक वाहन से कथित तौर पर कुचलने की ‘वीभत्स घटना में दुखद मौत’ पर शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया और मामले की जांच की प्रगति के बारे में झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से एक हफ्ते के भीतर स्थिति रिपोर्ट मांगी।
उधर, उत्तम आनंद की एक वाहन से कथित तौर पर कुचलने से मौत के मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों को पांच दिन की हिरासत में भेजे जाने के बीच शुक्रवार को वकीलों ने इस घटना के विरोध में राज्यभर में कार्य बहिष्कार किया। वकीलों ने पूर्व में एक वकील की हत्या को लेकर भी अपना गुस्सा जताया। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए 30,000 से अधिक वकीलों ने राज्य में अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करने की मांग की।