जम्मू कश्मीर सरकार (Government of Jammu and Kashmir) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। उसने अपने छह कर्मचारियों को आतंकियों से संबंध रखने के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार (Government of Jammu and Kashmir) ने इन कर्मचारियों को ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में काम करने के आरोप में बर्खास्त किया है। जिन 6 कर्मचारियों को सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया गया है, उसमें अनंतनाग के अध्यापक हमीद वानी का नाम शामिल है। उन पर आरोप है कि वह नौकरी में आने से पहले आतंकी समूह अल्लाह टाइगर के जिला कमांडर के तौर पर काम कर रहे थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हमीद वानी को जमात-ए-इस्लामी के सहयोग से अध्यापक की यह सरकारी नौकरी मिली थी। इसके अलावा हमीद वानी पर साल 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद देश विरोधी गतिविधियों के लिए कश्मीर में चलाए जा रहे ‘चलो कार्यक्रम’ के मुख्य वक्ताओं में से एक के रूप में काम करने का भी आरोप है।
हमीद वानी के अलावा जम्मू के किश्तवाड़ जिले के जफर हुसैन भट्ट को भी नौकरी से बर्खास्त की सिफारिश की गई है। जफर जम्मू कश्मीर पुलिस में कॉन्सटेबल के पद पर तैनात हैं। उन्हें एनआईए ने आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह अभी जमानत पर चल रहे हैं। उन पर यह भी आरोप है कि अपनी कार को वह हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों को लाने और ले जाने में मुहैया कराते थे।
इससे पहले 11 कर्मचारियों को किया जा चुका है बर्खास्त
इससे पहले 11 जुलाई को देशविरोधी गतिविधियों को लेकर जम्मू-कश्मीर सरकार ने कार्रवाई करते हुए 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। जम्मू-कश्मीर सरकार ने संविधान के अनुच्छेद-311 (2) (C) के तहत यह कार्रवाई की थी। तब आतंकी सलाहुद्दीन के दो बेटों को भी सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया गया था। सरकारी नौकरी से बर्खास्त किए गए 11 कर्मचारियों में 4 अनंतनाग से थे। इसके अलावा 3 कर्मचारी बडगाम से और एक-एक कर्मचारी श्रीनगर, पुलवामा तथा कुपवाड़ा जिले से थे।
11 में से 4 कर्मचारी शिक्षा विभाग से तथा 2 कर्मचारी जम्मू-कश्मीर पुलिस में और एक-एक कर्मचारी कृषि विभाग, कौशल विकास विभाग, बिजली विभाग, एसकेआईएमएस विभाग और स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहे थे। उन 11 कर्मचारियों में अनंतनाग जिले के दो शिक्षक जमात-इस्लामी और दुख्तारन-ए-मिल्लत की विचारधारा का समर्थन करते पाए गए थे। इसके अलावा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी शामिल पाए गए थे। इसके बाद इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।