महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक तख्तापलट के बाद शिवसेना बीजेपी भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर है। शिवसेना ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते देखना कोई हैरानी की बात नहीं थी, क्योंकि शिवसेना को तोड़कर उसमें से ही किसी एक को पार्टी के खिलाफ खड़ा कर दिया गया।
शिवसेना ने कहा कि, राज्य में नई सरकार आने के साथ ही राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद के 12 सदस्यों के नामांकन का मामला भी जल्द ही सुलझ जाएगा। पार्टी ने कहा कि उद्धव सरकार के द्वारा भेजी गई पुरानी फाइल को एक नई फाइल से बदल दिया जाएगा और इसे 24 घंटे के भीतर राज्यपाल मंजूरी दे देंगे। उसमें किसी का नाम लिए बगैर कहा कि यदि ‘‘संविधान का रक्षक’’ ही दोहरे मापदंड अपनाता है, तो ये लोग कोई भी प्रस्ताव बना सकते हैं और कोई भी चुनाव जीत सकते हैं।
राज्य में अब नहीं कानून का शासन
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे एक संपादकीय में कहा गया है कि मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद से महाराष्ट्र में ‘‘कानून का शासन’’ नहीं बचा है। भले ही यह मुश्किल समय है, लेकिन यह भी गुजर जाएगा।’’ संपादकीय में कहा गया, ‘‘वर्तमान मुख्यमंत्री की ही तरह राहुल नार्वेकर भी एक शिव सैनिक थे। वह शिवसेना से राकांपा, राकांपा से भाजपा और अब महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद तक की अपनी यात्रा में अच्छी तरह से जानते हैं कि कब क्या करना है और कहां जाना है।’’
संपादकीय में लिखा गया है कि, ‘‘भाजपा को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव जीतते देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि शिवसेना टूट गई है और पार्टी का ही कोई व्यक्ति इसके खिलाफ खड़ा है। शिंदे समूह के भाजपा प्रायोजित विधायकों ने पार्टी के व्हिप का पालन नहीं किया और अयोग्यता की कार्रवाई शुरू हो जाएगी, लेकिन इससे बचने के लिए भाजपा ने कानून की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति को अध्यक्ष बना दिया और अब वह अपने अनुसार निर्णय लेंगे।’’
इतनी सुरक्षा तो आतंकी हमलों के दौरान भी नहीं थी, जितनी बागी विधायकों की है
अखबार में छपे संपादकीय में गोवा से लौटने के बाद हवाई अड्डे से मुंबई के एक होटल में शिंदे के समर्थक विधायकों के पहुंचने पर की गई भारी सुरक्षा व्यवस्था पर भी कटाक्ष किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘अब केवल वायु सेना और नौसेना को तैनात करना बचा है।’’ उन्होंने कहा कि इस प्रकार का सुरक्षा प्रबंध तो 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के दोषी मोहम्मद अजमल कसाब के लिए भी नहीं किया गया था।