श्रीलंका क्रिकदेट टीम ने गुरुवार को यहां आर. प्रेमादासा स्टेडियम में खेले गए तीसरे और सीरीज के आखिरी टी20 मुकाबले में भारतीय टीम को 7 विकेट से हरा दिया। इसके साथ मेजबान टीम ने यह सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। भारत ने इससे पहले तीन मैचों की वनडे सीरीज में मेजबान टीम को 2-1 से हराया था। अब मेजबानों ने उस हार का हिसाब बराबर कर लिया है। भारत ने पहले मैच 38 रनों से जीतकर 1-0 की लीड ली थी लेकिन मेजबान टीम ने दूसरा मैच चार विकेट से जीतकर सीरीज में बराबरी कर ली थी।
धवन ने मैच के बाद कहा “यह हमारे लिए मुश्किल स्थिति थी। एक टीम के रूप में हमने पूरी सीरीज खेलने का फैसला किया। खिलाड़ियों पर भी गर्व है। उन्होंने पिछले दो मैचों में शानदार प्रदर्शन किया। उनका रवैया जबरदस्त था। हम भी जीतना चाहते थे, हर खेल में आप सीखते हैं। यह हमारी बैटिंग यूनिट का ऑफ-डे था। हमने काफी विकेट गंवाए, श्रीलंका ने अच्छी गेंदबाजी की। जब आप शुरुआती विकेट खो देते हैं, तो आप पर काफी दबाव होता है, खुशी है कि हम 80 के दशक में पहुंच गए, आज हमने बस इतना ही कामयाबी हासिल की।”
उन्होंने आगे कहा “दोनों टीमों ने शानदार जोश के साथ खेला। यह खूबसूरत है कि हम मैदान में प्रतिस्पर्धी थे। श्रीलंकाई खिलाड़ी जानना चाहते थे कि मेरी प्रक्रिया क्या है, मैं बस अपना अनुभव साझा कर रहा था। मुझे आशा है कि उन्हें यह सुनकर अच्छा लगा होगा। श्रीलंकाई टीम को बधाई।”
भारत को 81 रनों पर सीमित करने के बाद मेजबानों ने जीत के लिए जरूरी रन 14.3 ओवरों में तीन विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिए। अविष्का फर्नांडो ने 12, मिनोद भानुका ने 18, धनंजय डिसिल्वा ने नाबाद 23 और वानिंदु हसारंगा ने नाबाद 14 रन बनाए।
भारत की ओर से राहुल चाहर ने तीन विकेट लिए।
इससे पहले, वानिंदु (4/9) की शानदार गेंदबाजी के दम पर श्रीलंका ने भारतीय टीम को 81 रनों पर रोक दिया।
भारत ने इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया लेकिन उसका कोई बल्लेबाज कमाल नहीं दिखा सका और टीम 20 ओवर में आठ विकेट पर 81 रन ही बना सकी।
टीम इंडिया की तरफ से कुलदीप यादव ने 28 गेंदों पर सर्वाधिक 23 रन बनाए।
श्रीलंका की ओर से हसारंगा के अलावा कप्तान दासुन शनाका ने दो विकेट लिए जबकि रमेश मेंडिस और दुशमंता चमीरा को एक-एक विकेट मिला।
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत की शुरूआत बेहद खराब रही और उसने कप्तान शिखर धवन (0), देवदत्त पडीकल (9), संजू सैमसन (0), रुतुराज गायकवाड़ (14) और नीतीश राणा (6) के विकेट महज 36 रन के स्कोर पर ही गंवा दिए।
इसके बाद भुवनेश्वर कुमार भी 32 गेंदों पर 16 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। फिर शनाका ने राहुल चाहर को आउट किया जिन्होंने पांच गेंदों पर एक चौके की मदद से पांच रन बनाए।
राहुल के आउट होने के तुरंत बाद ही वरूण चक्रवर्ती (0) आठवें बल्लेबाज के रूप में आउट हुए जबकि चेतन सकारिया नौ गेंदों पर पांच रन बनाकर नाबाद रहे।
भारतीय टीम ने 81 रन बनाने के साथ ही टी20 में अपने इतिहास का तीसरा न्यूनतम स्कोर बनाया भारत ने 2008 में मेलबर्न में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मुकाबले में 74 रन बनाए थे जो टी20 में उसका अबतक का सबसे न्यूनतम स्कोर है।
इससे पहले टीम इंडिया नागपुर में 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले में 79 रन पर आलआउट हुई थी जो उसके इतिहास का दूसरा सबसे न्यूनतम स्कोर है। इसके अलावा वह 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कटक में खेले गए टी20 मैच में 92 रन पर ऑलआउट हुई थी।