Sadhu Vijay Das Death: अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह की कोशिश करने वाले साधु विजयदास का निधन हो गया है। वह राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) जिले के डीग इलाके में अवैध खनन (Illegal Mining) के खिलाफ विरोध जता रहे थे। यही वजह है कि उन्होंने खुद की जान देने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें गुरुवार को नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि उनकी हालत गंभीर थी, इसलिए उन्हें बचाया नहीं जा सका। साधु विजयदास के निधन की पुष्टि उपखंड अधिकारी संजय गोयल ने की है।
साधु विजयदास ने 21 जुलाई को खुद को आग लगाई थी। देर रात उन्होंने दिल्ली के हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को यूपी के बरसाना ले जाया जा रहा है। उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाएगा।
राजस्थान सरकार के मंत्री का आया बयान
इस मामले में राजस्थान मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निश्चित रूप से आगे बढ़कर पहल करेंगे। अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करना हमारी जिम्मेदारी है। अगर ये प्रशासनिक विफलता है और हमारे विधायक ऐसा कह रहे हैं, तो हम इस पर गौर करेंगे।
क्या है पूरा मामला
राजस्थान के भरतपुर के डीग इलाके में अवैध खनन के खिलाफ साधु-संत आंदोलन कर रहे थे। इसी खिलाफत की वजह से साधु विजयदास ने आत्मदाह की कोशिश की थी। इस घटना के बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में एडमिट किया गया था। इसके बाद ज्यादा हालत खराब होने की वजह से उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था।
80 फीसदी जल गया था साधु का शरीर
साधु विजयदास ने जब आत्मदाह की कोशिश की तो उनका शरीर करीब 80 प्रतिशत तक जल गया था। राजस्थान के भरतपुर इलाके में अवैध खनन को लेकर ये साधु-संत पिछले डेढ़ साल से आंदोलन कर रहे थे। उनका कहना था कि जहां अवैध खनन हो रहा है, वो जगह धार्मिक है और 84 कोस के परिक्रमा मार्ग में ये खनन किया जा रहा है। ये जगह धार्मिक आस्था से जुड़ी है।