अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यूक्रेन पर भीषण एवं क्रूर आक्रमण के जरिये रूस अपने तीन प्रमुख लक्ष्यों को हासिल करने में स्पष्ट रूप से विफल रहा है। रूस द्वारा यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के तीन दिन बाद 24 फरवरी को रूसी सेना ने यूक्रेन के खिलाफ एक विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत की थी।
सुलिवन ने संवाददाताओं से कहा कि यूक्रेन के खिलाफ अकारण हमला शुरू कर रूस अपने तीन बुनियादी लक्ष्यों को पूरा करना चाहता है। इनमें से सबसे पहला लक्ष्य यूक्रेन को अपने अधीन करना है। दूसरा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस की ताकत एवं प्रतिष्ठा को बढ़ाना है, जबकि तीसरा लक्ष्य पश्चिमी देशों को विभाजित कर उन्हें कमजोर करना है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, “ रूस अब तक इन तीनों लक्ष्यों को पूरा करने में स्पष्ट रूप से विफल रहा है। वास्तव में रूस ने अब तक इन लक्ष्यों के विपरीत परिणाम ही हासिल किए हैं।”
सुलिवन ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यूक्रेन के बहादुर नागरिक आत्मसमर्पण करने से इनकार कर रहे हैं। वे डटकर रूसी सैनिकों का सामना कर रहे हैं। वे अपने घरों तथा अपने शहरों की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि रूस अपने “क्रूर“ सैन्य अभियान के जरिए कुछ और क्षेत्रों पर कब्जा कर सकता है, लेकिन यूक्रेन के लोगों से उनका देश नहीं छीन सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘ दूसरी ओर, इस युद्ध के कारण रूस की ताकत एवं प्रतिष्ठा बुरी तरह प्रभावित हुई है। रूसी सेना की कार्रवाई बेहद कमजोर रही। रूसी अर्थव्यवस्था कड़े एवं कठोर प्रतिबंधों से हिल गई है। रूस के रक्षा क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा रूस अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पूरी तरह से अलग-थलग हो गया है।” अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि रूस के इस हमले से पश्चिमी देश पहले की अपेक्षा और अधिक एकजुट हुए हैं और दृढ़ता के साथ किसी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।