गीतकार-लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) तालिबान (Taliban) की ‘तुलना’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से करने की अपनी कथित टिप्पणी को लेकर मुश्किल में फंस गए हैं। मुंबई के पास ठाणे की एक अदालत ने मानहानि के एक मुकदमे में उन्हें नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
यह मामला RSS कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर (Vivek Champanerkar) ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और संयुक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में दायर किया था।
जावेद अख्तर के खिलाफ RSS-तालिबान ‘तुलना’ के लिए नोटिस जारी
अदालत ने उन्हें नोटिस के जवाब में 12 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि अख्तर ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया था जब एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ‘दक्षिणपंथी समूहों के बीच एक अनोखी समानता है’। उन्होंने कहा था- “तालिबान एक इस्लामी देश चाहता है। ये लोग एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं।” पूर्व सांसद ने संगठन का नाम लिए बिना ये कहा था।
चंपानेरकर के वकील आदित्य मिश्रा ने अख्तर पर RSS के खिलाफ “अपमानजनक” टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अदालत में लंबी बहस करते हुए कहा कि “बर्बर तालिबान और हिंदुओं के लिए काम करने वाले संगठनों के बीच समानता निकालने का उद्देश्य ऐसे संगठनों को बदनाम करना है”।
मुकदमे के अनुसार, “वादी कहता है कि वादी के संगठन की छवि खराब करने के लिए प्रतिवादी के मानहानिकारक बयान से वह आहत हुआ है और इसलिए उसे एक रुपये का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई करने के लिए प्रतिवादी उत्तरदायी है।”
बता दें कि हाल ही में एक्टर अनुपम खेर (Anupam Kher) ने अख्तर के बयान की आलोचना की थी।
उन्होंने रिपब्लिक टीवी के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि वह इस बयान पर हंस पड़े। उन्होंने कहा- “मैं हंसा क्योंकि यह सच नहीं है। अगर जावेद साहब को ये कहकर बेहतर महसूस होता है, तो उन्हें बेहतर महसूस करने दो। लेकिन हम काफी शानदार लोकतांत्रिक देश में रहते हैं जहां कोई भी कुछ भी कह सकता है।”