राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि 96 वर्ष से आरएसएस का हमेशा विरोध हुआ, लेकिन हम समाज की सेवा में लगे रहे। पिछले दिनों धर्मशाला में आयोजित पूर्व सैनिक प्रबोधन कार्यक्रम में शिरकत करते हुए भागवत ने कहा कि कि संघ को तो थोड़ी राहत तब मिली – जब स्वयंसेवक सत्ता में आए। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 40,000 साल से भारत के लोगों का डीएनए समान है। भागवत ने कहा, ” हम यहां पर हैं और पक्के हैं, चलते हुए आ रहे हैं। 40,000 साल पूर्व से भारत के लोगों का, आज के लोगों का डीएनए समान है… ऐसी ही हवा में बात नहीं कर रहा हूं मैं.. हुआ है और आगे की घड़ी में भी वहीं सिद्ध हुआ है। हम समान पूर्वजों के वंशज हैं, उन पूर्वजों के कारण अपना देश फला-फूला, अपनी संस्कृति आज तक चलती आई।”
‘हमें सरकार से क्या मिलता है’
इस दौरान मोहन भागवत ने कहा, ‘सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है। उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।’ चिकित्सा में प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया। अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है। हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है।’
‘भागवत हिमाचल प्रदेश के 5 दिवसीय दौरे पर हैं’
सूत्रों के मुताबिक मोहन भागवत हिमाचल प्रदेश के 5 दिवसीय दौरे पर हैं और वो तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात कर सकते हैं। शनिवार को RSS प्रमुख ने दिवंगत CDS बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा जिनका हाल ही में तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी। उन्होंने समाज सुधारक डॉ. बी. आर. आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, ‘हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं।’