प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। अपने 81वां एपिसोड में पीएम मोदी ने देशवासियों से साल में एक बार ‘नदी उत्सव’ मनाए जाने का आह्वान किया। ‘मन की बात’ कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने नदियों की महत्वता पर जोर देते हुए उन्हें बचाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए नदियां एक भौतिक वस्तु नहीं है। हमारे लिए नदी एक जीवंत इकाई है तभी तो हम नदियों को मां कहते हैं। उन्होंने कहा कि माघ के महीने में हमारे देश में बहुत लोग पूरे एक महीने मां गंगा या किसी और नदी के किनारे कल्पवास करते हैं।
राष्ट्र को संबोधित करते हुए विश्व नदी दिवस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वर्ल्ड रिवर डे’ जब आज मना रहे हैं तो इस काम से समर्पित सबकी मैं सराहना करता हूं और अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं हर नदी के पास रहने वाले लोगों और देशवाशियों को आग्रह करूंगा कि भारत में कोने-कोने में साल में एक बार तो नदी उत्सव मनाना ही चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि नदियों का स्मरण करने की परंपरा आज भले लुप्त हो गई हो या कहीं बहुत अल्पमात्रा में बची हो, लेकिन एक बहुत बड़ी परंपरा थी जो सुबह में ही स्नान करते समय ही विशाल भारत की एक यात्रा करा देती थी।
उन्होंने कहा कि पहले हमारे घरों में परिवार के बड़े ये श्लोक बच्चों को याद करवाते थे और इससे हमारे देश में नदियों को लेकर आस्था भी पैदा होती थी। विशाल भारत का एक मानचित्र मन में अंकित हो जाता था। नदियों के प्रति जुड़ाव बनता था। उन्होंने कहा, ‘जब हम हमारे देश में नदियों की महिमा पर बात कर रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से हर कोई एक प्रश्न उठाएगा। प्रश्न उठाने का हक भी है और इसका जवाब देना ये हमारी जिम्मेवारी भी। हमारे शास्त्रों में तो नदियों में जरा सा प्रदूषण करने को भी गलत बताया गया है।’
छठ पर्व का जिक्र किया
पीएम मोदी ने इस दौरान छठ पर्व का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘गुजरात में बारिश की शुरुआत होती है तो गुजरात में जल-जीलनी एकादशी मनाते हैं। बारिश के बाद बिहार और पूरब के हिस्सों में छठ का महापर्व मनाया जाता है। मुझे उम्मीद है कि छठ पूजा को देखते हुए नदियों के किनारे, घाटों की सफाई और मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी गई होगी।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हम नदियों की सफाई और उन्हें प्रदूषण से मुक्त करने का काम सबके प्रयास और सबके सहयोग से कर ही सकते हैं। ‘नमामि गंगे मिशन’ भी आज आगे बढ़ रहा है तो इसमें सभी लोगों के प्रयास, एक प्रकार से जन-जागृति, जन-आंदोलन, उसकी बहुत बड़ी भूमिका है।
‘परंपरा, प्रयास और आस्था नदियों को बचाए हुए है’
कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘देश भर में नदियों को बचाने की परंपरा, प्रयास और आस्था हमारी नदियों को बचाए हुए है।’ पीएम मोदी ने कहा कि कई हमारे धार्मिक परंपरा से जुड़े हुए संत और गुरुजन भी अपनी अध्यात्मिक यात्रा के साथ-साथ पानी के लिए नदी के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं। कई नदियों के किनारे पेड़ लगाने का अभियान चला रहे हैं तो कहीं नदियों में बह रहे गंदे पानी को रोका जा रहा है।