रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ जारी बर्मिंघम टेस्ट मैच में 104 रनों की शानदार पारी खेली। विदेशी सरजमीं पर और इंग्लैंड में यह उनका पहला शतक था। उन्होंने भारतीय टीम को ऋषभ पंत (146) के साथ मिलकर मुश्किल परिस्थिती से बाहर निकाला था। दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद जडेजा ने मीडिया से बातचीत की और इस दौरान IPL 2022 में सामने आई कंट्रोवर्सी पर भी चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के ऑलराउंडर ने बयान दिया।
बर्मिंघम टेस्ट के दूसरे दिन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रवींद्र जडेजा ने आईपीएल की कंट्रोवर्सी से आगे बढ़कर सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने अपनी पहली विदेशी सेंचुरी पर भी मीडिया से खुलकर बात की और भारत के लोअर ऑर्डर 9,10, 11 नंबर की बल्लेबाजी प्रैक्टिस के बारे में भी जानकारी दी। इस मैच में भारत के लिए शमी ने 16 और कप्तान बुमराह ने नाबाद 31 रनों का निचले क्रम में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
IPL कंट्रोवर्सी पर जडेजा का बयान
आपको बता दें IPL 2022 से पहले जडेजा को सीएसके की कप्तानी मिली और एमएस धोनी ने इस्तीफा दिया। लेकिन टीम लगातार हारती गई और उनकी कप्तानी पर सवाल उठने लगे। इसके बाद बीच सीजन एमएस धोनी को उन्हें दोबारा कप्तानी सौंपनी पड़ी। जिसके बाद धोनी ने भी कहा कि, जडेजा के व्यक्तिगत प्रदर्शन पर इससे असर पड़ रहा था। उन्हें पिछले सत्र (2021) के बाद ही कप्तानी मिलने की बात पता थी लेकिन दुर्भाग्यवश इससे उनका खेल प्रभावित हुआ।
इस पूरे वाकिये के बाद जडेजा चोट के कारण बाकी के मैच भी नहीं खेले। इस मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “जो हुआ, वो हुआ। मेरे दिमाग में आईपीएल नहीं था। जब आप भारत के लिए खेलते हो तो आपका पूरा ध्यान भारतीय टीम पर ही होना चाहिए। ऐसा ही मेरे लिए था, देश के लिए अच्छा परफॉर्म करने से ज्यादा सुकून की बात कोई नहीं है मेरे लिए। भारत के बाहर खासतौर से इंग्लैंड में 100 रन बनाना बड़ी बात है। इन स्विंगिंग कंडीशंस में यह सेंचुरी बनाने से मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।”
9, 10 और 11 नंबर के खिलाड़ियों का महत्वपूर्ण योगदान
रवींद्र जडेजा ने आगे भारतीय टीम के नंबर 9, 10 और 11 के बल्लेबाजों को लेकर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि,”हमारे 9,10 और 11 नंबर के बल्लेबाज काफी ज्यादा बल्लेबाजी प्रैक्टिस करते हैं। इस पर हमारे टीम मैनेजमेंट के द्वारा भी विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। अच्छा लगता है जब इस नंबर के बल्लेबाज आकर रन बनाते हैं जो बोनस की तरह टीम के लिए काम करते हैं। जब बुमराह नेट्स में बल्लेबाजी करते हैं तो वह काफी ध्यान देते हैं। वह सिर्फ खानापूर्ती के लिए नहीं बल्कि गंभीरता से बल्लेबाजी करते हैं।”
रवींद्र जडेजा ने 194 गेंदों पर शानदार 104 रनों की पारी खेली। इस साल यह उनका दूसरा टेस्ट शतक था। उनके ओवरऑल करियर में उन्होंने अभी तक तीन टेस्ट शतक लगा लिए हैं। उनका सर्वाधिक टेस्ट स्कोर 175 रन नाबाद है जो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ इसी साल बनाया था। इस पारी के बाद जडेजा ने 60 टेस्ट मैचों की 88 पारियों में 2500 रन भी पूरे कर लिए हैं। यह उनका विदेश में पहला शतक था। यही कारण है कि वर्तमान में वह दुनिया के टॉप ऑलराउंडर में से एक हैं।