उत्तर प्रदेश की 11 और उत्तराखंड की 1 सीट के लिए राज्यसभा चुनावों का एलान हो गया है। इस बाबत 31 मई को नामांकन की आखिरी तारीख और 10 जून को मतदान किया जाएगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें 4 जुलाई को रिक्त हो रही थीं। लेकिन विधानसभा का सत्र 23 मई से शुरू हो रहा है इसलिए इस सत्र के दौरान ही वोटिंग होगी और विधायक राज्यसभा चुनाव में अपना वोट डालेंगे।
11 सीटें हो रहीं खाली
बता दें कि उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के सुखराम यादव, रेवती रमण सिंह, विशम्भर निषाद रिटायर हो रहे हैं। कांग्रेस से कपिल सिब्बल, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ रिटायर्ड हो रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से शिव प्रताप शुक्ला, जफर इस्लाम, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जय प्रकाश रिटायर हो रहे हैं। तो वहीं उत्तराखंड से प्रदीप टम्टा भी रिटायर हो रहे हैं।
राज्यसभा की एक सीट के लिए 38 विधायकों के वोट की जरूरत है। इस हिसाब से भारतीय जनता पार्टी 7 सीटें आसानी से जीत जाएगी। जबकि समाजवादी पार्टी 3 सीटों पर जीत हासिल कर लेगी।
कैसे होता है राज्यसभा चुनाव
राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया लोकसभा से एकदम अलग होती है। जहां लोकसभा के लिए हर पांच साल में आम चुनाव होते हैं, वहीं राज्यसभा के लिए हर दो साल में मतदान होता जाता है। राज्यसभा के हर सदस्य का कार्यकाल 6 साल का होता है। लोकसभा सांसद चुनने के लिए जनता सीधे वोट डालती है लेकिन राज्यसभा सांसद का चुनाव, जनता की ओर से चुने गए विधायक और इलेक्टोरल कॉलेज के मतों से होता है। संविधान के अनुसार राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं जिनमें से 238 का चुनाव होता है और बाकी 12 राष्ट्रपति की ओर से नामित किए जाते हैं।
राज्यसभा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, ‘राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति के जरिए किया जाता है। हर राज्य और दो केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों को वहां के विधायक और केंद्रशासित प्रदेश के इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य मिलकर चुनते हैं। राज्यसभा चुनाव प्रपोशनल रीप्रजेंटेशन सिस्टम के हिसाब से होता है जिसमें सिंगल वोट ट्रांसफरेबल होता है।
इसका फॉर्म्युला कुछ ऐसा है: जीत = कुल वोट/(राज्यसभा सीटों की संख्या+1)+1
उदाहरण के तौर पर दिल्ली में राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को दिल्ली में कुल विधानसभा सीटें यानी 70/ कुल राज्यसभा सीटें यानी 3, फॉर्म्युला के हिसाब से +1 करेंगे, जो होगा (70/4)+1 मतलब जीत के लिए किसी भी उम्मीदवार को 18.5 वोट (19 वोट) चाहिए होंगे।
राज्यसभा चुनाव में हर उम्मीदवार को वरीयता (1, 2, 3, 4, 5 और 6) दी जाती है। अगर 19 या ज्यादा सदस्य किसी उम्मीदवार को पहली वरीयता देते हैं तो उसका चुनाव हो जाता है।