पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी संकट के बीच आज नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने दिल्ली में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की। इस दौरान पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) भी मौजूद रहें। इस मुलाकात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस में चल रही अंदरुनी कलह पर विराम लगाते हुए कहा कि उनके सभी मुद्दे हल हो गए हैं। वहीं बैठक के बाद हरीश रावत ने कहा कि हमारे लिए इस्तीफे का मामला खत्म हो गया है।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सिद्धू ने मीडिया से कहा कि ‘मैं अपने सभी मुद्दों को राहुल गांधी को बताए और वो सभी मुद्दे हल हो गए हैं।’
‘पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सिद्धू करेंगे काम’: हरीश रावत
बैठक के बाद हरीश रावत ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि ‘उन्होंने (सिद्धू) राहुल गांधी के साथ अपनी चिंताओं को शेयर किया। हमने उनसे कहा है कि यहां उनकी चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा। सिद्धू ने राहुल गांधी को आश्वासन दिया कि उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और वो पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करेंगे। हमारे लिए इस्तीफा का मामला खत्म हो गया है।’
बैठक से पहले हरीश रावत ने कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि उनके नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी हैं और वे जो कहेंगे उसका पालन करेंगे और पार्टी के लिए काम करना जारी रखेंगे।
सिद्धू ने दिया पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा
नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस आलाकमान ने जुलाई में पंजाब पार्टी प्रमुख बनाया था। सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख बनाए जाने के बाद राज्य के तत्कालीन सीएम अमरिंदर सिंह पार्टी हाईकमान के फैसले का विरोध किया था। इसके कुछ दिन बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अगामी साल 2022 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया था।
चरणजीत सिंह चन्नी ने सीएम बनने के बाद राज्य में मंत्री पदों का बंटवारा किया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिद्धू से विभागों के बंटवारें में राय नहीं मांगी गई थी, जिसके बाद सिद्धू नाराज हो गए थे और पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने इस्तीफे में कहा था कि समझौते से इंसान का अस्तित्व खत्म हो जाता है। वो पंजाब की बेहतरी के लिए समझौता नहीं कर सकते हैं। हालांकि सिद्धू ने पत्र में कहा था कि वो कांग्रेस के लिए काम करते रहेंगे।