भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की नौसेनाओं का साझा अभ्यास मालाबार-2023 सोमवार को समाप्त हुआ। सिडनी के करीब ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर हुआ ये अभ्यास मालाबार अभ्यास का 27वां संस्करण था। इस अभ्यास को कुल दो चरणों 11-15 अगस्त 2023 तक बंदरगाह और 16-21 अगस्त तक समुद्र में पूरा किया गया।
इन हथियारों का प्रदर्शन
मालाबार युद्धाभ्यास में भारत का प्रतिनिधित्व स्वदेश निर्मित विध्वंसक आईएनएस कोलकाता, फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्रि और पी8आई समुद्री गश्ती विमान ने किया। इसके अलावा अभ्यास में आरएएन जहाज एचएमएएस चॉल्स और एचएमएएस ब्रिस्बेन, यूएसएस राफेल पेराल्टा, जेएस शिरानुई के साथ-साथ पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान, समुद्री गश्ती विमान भी शामिल थे।
ये अभ्यास किए गए
मालाबार युद्धाभ्यास के समुद्री भाग में हवा, सतह और समुद्र के नीचे के क्षेत्रों में जटिल कार्यों को अंजाम दिया गया। इसमें हथियार फायरिंग और क्रॉस डेक हेलीकॉप्टर संचालन भी किया गया। चारों देशों की नौसेनाओं ने एक-दूसरे के बीच समन्वय को बढ़ाया। मालाबार अभ्यास ने चारों नौसेनाओं को एक साथ काम करने की साझा प्रतिबद्धता को भी बेहतरीन तरीके से दिखाया। सभी देशों ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की प्रतिबद्धता दिखाई।
चीन मानता है खतरा
मालाबार अभ्यास साल 1992 में पहली बार भारत और अमेरिका ने किया था। इसके बाद 2015 में जापान और 2020 में ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने भी इस अभ्यास में भाग लेना शुरू किया।मालाबार अभ्यास में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की साझेदारी को चीन अपने लिए खतरे के तौर पर देखता है। चीन का आरोप है कि ये अभ्यास उसपर निशाना साधकर किया जाता है। हाल ही में रिपोर्ट्स आई थी कि चीन ने अपने सैकड़ों लोअर ऑर्बिट सैटेलाइट्स को मालाबार अभ्यास की निगरानी के लिए तैनात कर दिया है।