जाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पटियाला से पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) लड़ने का ऐलान किया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने आधिकारि फेसबुक पेज पर इसको लेकर जानकारी दी है। कैप्टन ने लिखा, ‘मैं पटियाला से चुनाव लड़ूंगा। बीते 400 सालों से पटियाला हमारे साथ रहा है और मैं इसे नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) की वजह से छोड़ने वाला नहीं हूं।’
बता दें कि, पटियाला हमेशा से ही कैप्टन परिवार का गढ़ रहा है। वह खुद इस सीट से 4 बार चुनाव जीत चुके हैं जबकि उनकी पत्नी परनीत कौर 2014 से 2017 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इससे पहले पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वो पंजाब विधानसभा चुनाव में सिद्धू जहां से खड़े होंगे, वहां से चुनाव लड़ेंगे और उन्हें हराएंगे।
पंजाब चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन के दिए संकेत
कैप्टन अमरिंदर सिंह के चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही पंजाब में सियासी माहौल गर्मा गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) के साथ गठबंधन के संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि जल्द ही बीजेपी से सीटों की साझेदारी को लेकर समझौता हो सकता है। केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करने के बाद दोनों दलों के बीच साझेदारी का रास्ता भी खुलता नजर आ रहा है। यही नहीं भाजपा के साथ मिलकर काम करने की बात कहकर उन्होंने भगवा दल के साथ जाने के भी संकेत दिए हैं। बता दें कि, अमरिंदर सिंह ने इस कदम के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद भी दिया था। बीजेपी का इससे पहले पंजाब में अकाली दल के साथ लंबे समय तक गठबंधन रहा है।
पंजाब विधानसभा चुनाव का क्या है गणित?
मालूम हो कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ अमरिंदर सिंह के साथ तीखे मतभेद रहे हैं। अमरिंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेस विधायकों की लामबंदी के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। हालांकि विधायकों का रुख अपने पक्ष में न देखते हुए अमरिंदर ने पद से पहले ही त्यागपत्र दे दिया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा देने के साथ ही कांग्रेस का भी साथ छोड़ दिया है और अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन कर दिया है। पद से इस्तीफे के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह कई बार नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा चुके हैं। राज्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह की एंट्री से राज्य के चुनाव में एक तरह से चौथा मोर्चा उभर गया है। प्रदेश की राजनीति में अब तक 2 ही मोर्चे अकाली दल और कांग्रेस ही हुआ करते थे। लेकिन बीते चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री से तीन मोर्चे हो गए थे लेकिन अब कैप्टन अमरिंदर सिंह और भाजपा के गठजोड़ से चौथा मोर्चा भी बनने के संकेत मिल रहे हैं।