पंजाब कांग्रेस में खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पहले नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद चल रहा था, अब कैप्टीन कांग्रेस से बाहर हो गए हैं तो नवजोत सिंह सिद्धू और नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बीच तनातनी चल रही है। सिद्धू ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री चन्नी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ’90 दिन की सरकार है, 50 दिन हो गए लेकिन मुद्दे हल नहीं हुए।’
अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नवजोत सिंह सिद्धू को दो टूक जवाब दिया है। मुख्यमंत्री चन्नी ने शनिवार को पंजाब के रूपनगर में कहा, “मैं गरीब हो सकता हूं लेकिन मैं कमजोर नहीं हूं। मैं बेअदबी, नशा समेत पंजाब के सभी मुद्दे सुलझाऊंगा करूंगा।” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मैं पंजाब के मुद्दों को हल करूंगा, जिससे पंजाब के हर घर में लोग कहेंगे- “घर घर दे विच चली गल, चन्नी करदा मसल हल”।”
सिद्धू ने क्या-क्या कहा था?
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था, ‘90 दिन की सरकार है। 50 दिन हो गए, 2 पैनल जाकर आ गए (बेअदबी के मामले को लेकर), लेकिन कुछ काम नहीं हुआ, मेरे मुख्यमंत्री के साथ कोई मतभेद नहीं है, लेकिन मैं जो कुछ भी कर रहा हूं वह पंजाब के लिए कर रहा हूं। आज अगर मैं बोल रहा हूं तो पंजाब के लिए बोल रहा हूं। इन 2 मुद्दों पर मुख्यमंत्री कल-परसों, कल-परसों कर रहे हैं।’
सिद्धू ने चन्नी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘पिछले 40-50 दिन में इस सरकार ने बेअदबी के मामले में और नशे की रिपोर्ट खोलने की दिशा में कौनसा रुझान दिखाया। क्या पंजाब नहीं चाहता कि विधानसभा में रिपोर्ट पब्लिक की जाए। सवा महीने पहले पैनल भेजा गया जबकि समस्या एक हप्ते में हल हो सकती है, 90 दिन की तो सरकार है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।’
सिद्धू ने बेअदबी मामले और ड्रग्स मामलों को सबसे अहम बताया और दोनों मुद्दों को अपनी ही सरकार से हल करने के लिए कहा था। सिद्धू ने कहा, ‘2017 में 2 बड़े मुद्दों पर एक सरकार गिरी थी और दूसरी बनी थी, फिर साढ़े चार साल की जद्दोजहद के बाद उन्हीं 2 मुद्दों पर एक मुख्यमंत्री हटाया गया और दूसरे मुख्यमंत्री को लाया गया।’
सिद्धू ने कहा था, ‘वही 2 मुद्दे हर पंजाबी की आत्मा की आवाज हैं। हर पंजाबी आतुर है कि कौन उन 2 मुद्दों का हल निकालेगा। जबतक साधन नहीं तबतक लक्ष्य तक नहीं पहुंचा जा सकता। जब गुरू की बेअदबी का सवाल आता है और ड्रग मामले का सवाल आता है तो इस गुत्थी को सुलझाने के लिए सबसे बड़े साधन डीजीपी और एडवोकेट जनरल हैं।’
सिद्धू ने कहा था, ‘पंजाब का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये पंजाब की जनता तय करेगी। लोगों की आवाज सुनकर ही तय होगा कि अगला चेहरा (मुख्यमंत्री का) कौन होगा, लोकतंत्र किसी लीडर का थोड़ी है बल्कि लोगों का है।’