देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सियासी हलचल तेज हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर सभी की नजरें टिकी हैं। इस बीच, विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विपक्ष की बैठक के बाद इसकी जानकारी दी। वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम 27 जून को सुबह 11:30 बजे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष की ओर से उम्मीदवार बनाया गया है।
इससे पहले विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए शरद पवार, फारूख अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण गांधी को प्रस्ताव दिया गया था। उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। इसके बाद यशवंत सिन्हा को लेकर चर्चा थी कि उन्हें चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। ऐसे में आज विपक्षी दलों की बैठक में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लग गई।
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने यशवंत सिन्हा को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया, “मैं श्री यशवंत सिन्हा को आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों द्वारा सर्वसम्मत उम्मीदवार बनने पर बधाई देना चाहती हूं। सम्मानित और कुशाग्र बुद्धि के व्यक्ति, जो निश्चित रूप से हमारे महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मूल्यों को बनाए रखेंगे!”
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, “यशवंत सिन्हा जी को आगामी राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में चुने जाने पर हार्दिक बधाई। यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमारे देश के लिए समान दृष्टि रखने वाले सभी प्रगतिशील दलों के लिए इससे बेहतर विकल्प नहीं हो सकता था!”
गौरतलब है कि यशवंत सिन्हा बीजेपी का दामन छोड़कर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में शामिल हुए थे। आज मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रीय कार्य के नाम पर टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था। यशवंत सिन्हा चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकारों में वित्त मंत्री रहे हैं। यशवंत सिन्हा को भारतीय अर्थवयवस्था से जुड़े कई अहम फैसले लेने का श्रेय दिया जाता है। उनके वित्त मत्री रहते ही संसद में बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे की जगह दिन में 11 बजे किया गया था।