पीके जन सुराज पार्टी बनाने वाले हैं, इस पर हाल ही में चल रही चर्चाओं के बीच प्रशांत किशोर (पीके) ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले 30 साल से बिहार में लालू जी और नीतीश कुमार का राज है। बिहार में लालू और नीतीश जी के शासन के बाद भी आज बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है। विकास के ज्यादातर मानकों पर बिहार विकास के निचले पायदान पर है। पिछले 10—15 सालों में हम विकास के पथ पर जिस रास्ते और तरीके से आए हैं, उससे तो आने वाले डेढ़ दशक तक भी हम विकास के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे। इसके लिए नई सोच और प्रयास की जरूरत है।
बिहार के लोगों के सम्मिलित प्रयासों की जरूरत: पीके
पीके ने कहा कि अब सवाल यह उठता है कि बिहार में विकास आए, समृद्धि फैले, इसके लिए पहल कौन करे।, ये बहस का मुद्दा हो सकता है। इस बारे में मेरा मानना है कि यदि सभी बिहार के लोग जब तक इस नई सोच व विकास के पीछे अपनी ताकत नहीं लगाएंगे, तब तक विकास संभव नहीं है। यहां की समस्याओं को जो समझते हैं और जो बिहार को बदलना चाहते हैं, उनमें से ज्यादातर लोगों को एकसाथ आकर प्रयास करने की जरूरत है।
राजनीतिक पार्टी बनाने पर जानिए क्या गोले पीके
पीके ने राजनीतिक पार्टी बनाने की बात पर कहा कि मैं कोई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा नहीं कर रहा हूं। आने वाले 3 से 4 माह में ऐसे लोगों से मिलने वाला हूं। जो ‘जन सुराज’ की सोच रखते हैं। उस अवधारणा को बिहार में उतानने की जरूरत है, उस पर मैं लोगों से मिलने वाला हूं। मैं पिछले दिनों अलग—अलग परिवेश के लोगों से इस संबंध में मिला हूं। सभी ने यही कहा कि मिलकर विकास जरूरी है।
पीके की 5 अहम घोषणाएं
1. पीके ने कहा कि मेरा पहला काम हजारों लोगों के साथ जन सुराज के बारे में चर्चा करना। जरूरी हो तो उनको इस विकास में भागीदार बनाना मेरा मकसद।
2. बड़ी संख्या में लोग यदि मिलकर ये समझें कि किसी विकास के लिए यदि पार्टी की जरूरत है, तो वे पार्टी बनाएं। ऐसे में ये पीके की पार्टी होगी यह जरूरी नहीं। यह हम सब की पार्टी होगी।
3. पीके ने कहा कि बिहार के लोगों से उनका व्यू पॉइंट लेना। उनकी अपेक्षा और आकंक्षा को समझना जरूरी है। इसके लिए 2 अक्टूबर को चंपारण गांधी आश्रम से 3 हजार किमी की पदयात्रा करूंगा।
4. ये तीन हजार किलोमीटर की यात्रा मैं मोटे तौर पर 8 माह से 1 साल के बीच करूंगा। इस दौरान हर तबके और हर परिवेश के लोगों से मिलूंगा। हम बिहार की जनता से मिलकर उन्हें ‘जन सुराज’ से जोड़ने का प्रयास करेंगे। फिर आगे जो बिहार के लिए किया जा सकता है। उसे अपने प्रोग्राम में शामिल करेंगे।
5. मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि मैं बिहार की बेहतरी के लिए मैं पूरी तरह से मेरी पूरी क्षमता के साथ काम करने के लिए तत्पर हूं। मेरा पूरा फोकस बिहार के लोगों से जाकर मिलता, उन्हें जन सुराज से जोड़ना है।