झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा कोष की कथित हेराफेरी से संबंधित मामले में आईएएस पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कई घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पिछले दिनों ईडी ने पूजा सिंघल के करीबियों के रांची और बाकी ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापे मारे थे। छापे के दौरान ईडी को 19 करोड़ से अधिक कैश और कई अहम डॉक्यूमेंट्स मिले थे।
जानिए, क्या है पूरा मामला
बता दें कि ये मामला कई साल पुराना है। दरअसल झारखंड में 2009-10 में मनरेगा घोटाला हुआ था। उसी मामले में कुछ दिन पहले ED ने एक साथ झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान में छापेमारी की थी। तब उसी छापेमारी के दौरान ये 19 करोड़ 31 लाख रुपये बरामद किए गए। 19 करोड़ 31 लाख रुपयों में से 17 करोड़ चार्टर्ड अकाउंटेंट अकाउंट के आवास से बरामद किए गए बाकी रुपये एक कंपनी से मिले हैं।
झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा कोष की कथित हेराफेरी से संबंधित मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को धन शोधन (निवारण) अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार को गिरफ्तार किया था। इस मामले में राज्य की खनन सचिव और आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
पूजा और उनके परिजनों से संबंधित हैं CA सुमन कुमार
सीए सुमन कुमार को रांची में शाम करीब पांच बजे पीएमएलए के तहत हिरासत में लिया गया था। अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि एजेंसी द्वारा इस मामले में छापेमारी करने के बाद रांची में उनके परिसर से कथित तौर पर 17.79 करोड़ रुपये की नकदी की बरामदगी के संबंध में सीए सवालों का जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे। ED ने आरोप लगाया है कि पूजा सिंघल और उनके परिवार से सीए कुमार का संबंध है और वह उनके वित्तीय सलाहकार भी हैं। बता दें कि जिस धन शोधन के मामले में छापेमारी की जा रही है, वह झारखंड के कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए के तहत दर्ज मामले से जुड़ा है।