कोरोना वायरस के नए संक्रमण ओमिक्रॉन ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा रखा है। सभी इससे डरे हुए हैं, लेकिन इसी बीच एक राहत भरी खबर आ रही है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बुधवार को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में फाइजर की पैक्सलोविड टैबलेट को मंजूरी दे दी है। अब 12 साल या उससे ऊपर के उच्च जोखिम वाले लोगों के कोविड महामारी के इलाज में पैक्सलोविड टैबलेट का इस्तेमाल हो सकेगा।
यह मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर मरीजों में मौत के जोखिम को कम करने में 89 प्रतिशत कारगर है।
एफडीए वैज्ञानिक पैट्रिजिया कैवाजोनी ने कहा, “दुनिया के कई देशों में महामारी का स्वरूप बन चुके कोरोना वायरस के उपचार के लिए एक टैबलेट सफलता पूर्वक बना ली गई है। कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में ये ऐतिहासिक कदम है।”
इस टैबलेट को अमेरिकी कंपनी फाइजर ने बनाया है। इसका नाम पैक्सलोविड (Paxlovid) रखा गया है।
2246 मरीजों पर किए गए ट्रायल-
फाइजर कंपनी के ये जांच परिणाम उसके पिछले माह 1200 लोगों पर किए गए अंतरिम नतीजों की पुष्टि करते हैं और अंतिम नतीजों में 2246 मरीजों पर किए गए परीक्षण शामिल हैं जिन्हें चार नवंबर को शोध में शामिल किया गया था। कंपनी ने यह भी कहा है कि पैक्सलोविड कोरोना के अधिक परिवर्तित ओमिक्रॉन के खिलाफ भी कारगर है।
जान बचाने में काफी कारगर साबित होगी दवा-
फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष अल्बर्ट बोरूला ने बताया कि हमारे नतीजे साबित करते हैं कि अगर इस दवा को उपयोग की अनुमति दी जाती है तो यह लोगों की जान बचाने में काफी कारगर साबित होगी। यह दवा कोरोना मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने और उनमें मौत के खतरे को कम करती है। यह ओमिक्रॉन के खिलाफ भी प्रभावी पाई गई है।
अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 70 प्रतिशत कम-
कंपनी ने दूसरे क्लीनिकल परीक्षण के शुरुआती नतीजे भी जारी किए हैं जिसमें मध्यम जोखिम वाले 600 मरीजों में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 70 प्रतिशत कम पाया गया था। कंपनी को उम्मीद है कि इसे जल्दी ही फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से मंजूरी मिल जाएगी।
कुल पांच दिनों का कोर्स-
इस दवा का पूरा कोर्स पांच दिन का है जिसमें तीन गोलियों दो बार लेनी पड़ती हैं और दो गोलियां वायरस निरोधक निरमाट्रेलविर हैं तथा तीसरी गोली वर्तमान में एचआईवी संक्रमण में दी जाने वाली रिटोनाविर है।