चुनाव आयोग ने लोजपा (LJP) नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) और पशुपित पारस (Pashupati Paras) को जोरदार झटका दिया है। दरअसल, शनिवार को चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का चुनाव चिन्ह फ्रीज कर दिया है। आयोग के इस फैसले ने चिराग और पारस की चिंता को बढ़ा दिया है। पार्टी का चुनाव चिन्ह फ्रीज करने के के बाद पशुपति पारस का बयान सामने आया है।
उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘आपस में विवाद था और चिराग पासवान ने अपना उम्मीदवार घोषित किया। मैंने ही चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि जब तक आपके कोर्ट से फैसला नहीं होता है, तब तक लोजपा का चिन्ह किसी को आवंटित न किया जाए।’
चुनाव आयोग की ओर से पार्टी के चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने का फैसला ऐसे समय लिया गया है जब बिहार में दो खाली पड़ी सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। इसके लिए नामांकन भी शुरू हो चुका है। मालूम हो कि बीते 20 सितंबर को ही चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा उपचुनाव (2 सीटों) के लिए पार्टी के चुनाव चिन्ह (बंगले) पर अपना अधिकार होने का दावा किया था।
चुनाव आयोग ने लोजपा के चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर लगाई रोक
बता दें कि चुनाव आयोग ने शनिवार को चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस धड़ों द्वारा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नाम या उसके चुनाव चिह्न ‘बंगले’ का इस्तेमाल करने पर तब तक रोक लगा दी जब तक कि आयोग प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच विवाद का निपटारा नहीं कर देता।
आयोग ने यह भी कहा कि दोनों धड़े आगामी दिनों में दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए उपलब्ध चिह्नों का उपयोग कर सकते हैं।
आदेश में कहा गया है, ‘दोनों समूहों को ऐसे नामों से जाना जाएगा, जो वे अपने संबंधित समूहों के लिए चुन सकते हैं, जिसमें वे चाहें तो अपनी मूल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के साथ संबंध भी शामिल कर सकते हैं।’