जम्मू-कश्मीर में हो रहे विकास से पाकिस्तान बौखला गया है। वो इसमें रोड़ा डालने की हर संभव कोशिश कर रहा है। कभी झूठ तो कभी आतंकवाद को हथियार बनाकर पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश रचता रहा है। जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बन रहे भारत के किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट प्रोजेक्ट ने पाकिस्तान को परेशान कर दिया है। वहां के पीएम इमरान खान इस प्रोजेक्ट को लेकर टेंशन में हैं। उन्होंने प्रोजेक्ट की डिजाइन को लेकर आपत्ति जताई है। हालांकि भारत की तरफ से एक बार फिर साफ कर दिया गया है कि यह पनबिजली योजना पूरी तरह से सिंधु जल समझौते के अनुरूप है।
भारत के सिंधु जल आयोग के प्रमुख प्रदीप कुमार सक्सेना ने बताया कि उनके पाकिस्तानी समकक्ष सैयद मोहम्मद मेहर अली शाह ने बीते हफ्ते आपत्ति दर्ज कराई थी। प्रदीप सक्सेना ने जोर देते हुए कहा कि डिजाइन पूरी तरह से सिधु जल समझौते के प्रावधानों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि इस डिजाइन को केंद्रीय जल आयोग ने प्रमाणित किया है, जो जल संसाधन के क्षेत्र में देश का सबसे शिर्ष है। सक्सेना ने यह भी कहा कि भारत को अपने अधिकारों के इस्तेमाल का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान की आपत्तियों पर स्थायी सिंधु आयोग की इस साल होने वाली बैठक के दौरान चर्चा की जा सकती है। यह बैठक पाकिस्तान में होगा। प्रदीप कुमार सक्सेना ने कहा कि इस बैठक में भारत अपना रुख रखेगा और उम्मीद करता है कि पाकिस्तान उसे स्वीकार करेगा।
पाकिस्तान लगाता रहा है समझौते के उल्लंघन का आरोप
आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान हमेशा से समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाता रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि यह प्रोजेक्ट 1960 में हुए सिंधु जल समझौते के खिलाफ है। आपको बता दें कि सिंधु जल संधि भारत को पूर्वी नदियों यानी कि रावी, व्यास और सतलज के पानी पर पूर्ण नियंत्रण देती है, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों यानी चिनाब, झेलम और सिंधु के पानी को बिना रोके उपयोग करने का अधिकार देती है।