मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को पाकिस्तान की एंटी टेरर कोर्ट ने 31 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सईद पर कोर्ट ने 3 लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाफिज सईद को कोर्ट ने टेरर फंडिंग के 2 मामलों में सजा सुनाई है। जमात उद दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है, जबकि अमेरिका ने भी उसके सिर पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा हुआ है।
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच आया फैसला
हाफिज सईद मुंबई में साल 2008 के आतंकी हमले में वांछित है, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों समेत कुल 161 लोग मारे गए थे। आतंकी सईद पर यह फैसला पाकिस्तान में जारी राजनीतिक संकट के बीच आया है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नेशनल असेंबली भंग करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले को गलत ठहरा दिया था, जिसके बाद असेंबली फिर से बहाल हुई। अब शनिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना है।
जून 2021 में हाफिज के घर के बाहर हुआ था ब्लास्ट
बता दें कि पिछले साल जून में लाहौर स्थित हाफिज सईद के घर के बाहर जबरदस्त कार बम धमाका हुआ था जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 21 अन्य घायल हो गए थे। हमले के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसुफ ने आरोप लगाया था कि लाहौर में हाफिज सईद के आवास के पास विस्फोट में भारत का हाथ है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों का करारा जवाब दिया था।
पाकिस्तान के आरोपों पर भारत ने दिया था करारा जवाब
पाकिस्तानी एनएसए के दावे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, ‘पाकिस्तान के लिए भारत के खिलाफ ‘आधारहीन दुष्प्रचार में शामिल होना कोई नयी बात नहीं है। पाकिस्तान को अपने घर को दुरूस्त करना चाहिए तथा उसकी धरती से उपजने वाले आतंकवाद के खिलाफ पुष्टि करने योग्य कदम उठाना चाहिए ।’ उन्होंने कहा था कि जब आतंकवाद की बात आती है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान विश्वसनीयता के बारे में बखूबी जानता है। बागची ने कहा कि यह बात उस समय भी स्पष्ट हो जाती है जब उसके नेता ओसामा बिन लादेन को शहीद बताते हैं।