पाकिस्तान पिछले कुछ महीनों से गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ईंधन के मूल्यों में वृद्धि और बिजली कटौती ने आम जनता के लिए हालात को बद से बदतर कर दिया है। इस बीच कुछ दिन पहले जहां बिजली कटौती से निपटने के लिए बाजारों को रात 10 बजे से पहले बंद करने का फरमान आया था, वहीं अब सत्तू (Pakistan Sattu) और लस्सी (Pakistan Lassi) के दम पर देश में रोजगार पैदा करने की बात की जा रही है। सत्तू और लस्सी के दम पर रोजगार को बढ़ावा देने की बात भी किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग ने की है।
क्या है सत्तू और लस्सी के दम पर रोजगार का लॉजिक?
दरअसल, हाल ही में पाकिस्तान के योजना मंत्री ने बयान दिया था कि देश को चाय के आयात पर बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है, इसलिए मुल्क की आवाम चाय का सेवन कम कर दे। मंत्री के इस बयान की पाकिस्तान में ही काफी आलोचना हुई थी। अब उच्च शिक्षा आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. शाइस्ता सोहेल ने चाय के आयात पर खर्च को कम करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए लस्सी और सत्तू जैसे लोकल पेय पदार्थों को बढ़ावा देने के तरीकों के बारे में सोचने को कहा है।
वाइस चांसलर्स को भेजा गया सर्कुलर
सोहेल ने पाकिस्तान की यूनिवर्सिटीज में वाइस चांसलर्स को भेजे एक सर्कुलर में कहा है कि वे कम आय वाले लोगों की इनकम बढ़ाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को राहत देने वाले तरीकों के बारे में सोचें। सर्कुलर में सोहेल ने स्थानीय चाय बागानों और लस्सी व सत्तू जैसे पारंपरिक पेय को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है, जिससे रोजगार बढ़ेगा और जनता के लिए इन पेय के निर्माण में शामिल होने से उनकी इनकम होगी, साथ ही चाय के आयात पर होने वाला खर्च भी कम हो जाएगा।
गंभीर आर्थिक संकट में है पाकिस्तान
बता दें कि पाकितान का विदेशी मुद्रा भंडार 17 जून तक घटकर सिर्फ 8.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था। इसके मुकाबले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 590 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने नागरिकों से चाय की खपत में कटौती करने का आग्रह किया था, ताकि देश के घटते विदेशी मुद्रा भंडार में सेंध लगाने वाले आयात भुगतान को कम करने में मदद मिल सके।
‘चाय के आयात के लिए पैसे उधार लेने पड़ते हैं’
इकबाल ने कहा था कि दुनिया में चाय के सबसे बड़े आयातकों में से एक पाकिस्तान को इसके आयात के लिए पैसे उधार लेने पड़ते हैं। इकबाल ने कहा, ‘मैं देश से चाय की खपत में 1-2 कप की कटौती करने की अपील करता हूं क्योंकि हम कर्ज पर चाय का आयात करते हैं।’ पाकिस्तान में पिछले कुछ ही दिनों में डीजल और पेट्रोल के दामों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है और इनकी कीमतें 230 रुपये के आंकड़े को भी पार कर चुकी है।