गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है. इस बार चार हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है। इस बार चार हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है। पद्म भूषण सम्मान 17 और पद्मश्री पुरस्कार 107 लोगों को दिया गया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुत्व के ‘पोस्टर बॉय’ दिवंगत कल्याण सिंह और हाल ही में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुए भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को मंगलवार को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। लेकिन पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म भूषण का पुरस्कार ठुकरा दिया है। उनकी ओर से कहा गया है, ‘पद्मभूषण पुरस्कार के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। मुझे किसी ने इस बारे में पहले नहीं बताया है। अगर मुझे पद्मभूषण पुरस्कार देने का एलान किया गया है तो मैं इसे लेने से इनकार करता हूं।’
भट्टाचार्य के इस फैसले पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। भट्टाचार्य के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘सही कदम उठाया, वह आजाद रहना चाहते हैं, न कि गुलाम।’ जयराम रमेश के ट्वीट ने एक बार फिर सियासी हलचल तेज कर दी है। हालांकि गुलाम नबी आज़ाद की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
बता दें, गुलाम नबी आजाद की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी तारीफ की थी और उनके साथ अपने पुराने रिश्तों का भी जिक्र किया था। इस दौरान पीएम मोदी काफी भावुक भी हो गए थे। गुलाम नबी आज़ाद कांग्रेस के G-23 नेताओं में शामिल हैं जो कांग्रेस आलाकमान से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं।