अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences), दिल्ली (Delhi) ने मोटापा को लेकर एक स्टडी पब्लिश किया है। स्टडी में कहा गया है कि मोटापा (Obesity) किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। इसे दूर करने के लिए काउंसिलिंग के जरिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की आवश्यकता दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS Study) द्वारा किए गए स्टडी (Delhi AIIMS Study on Obesity) का शीर्षक है ‘अभ्यास-आधारित सिफारिशें मोटापे के प्रबंधन में जीवनशैली से संबंधित सलाह: एक कदम-वार दृष्टिकोण (‘Practice-based recommendations Lifestyle-related advice in the management of obesity: A step-wise approach)’ । इस स्टडी में कहा गया है कि “मोटापे की बेहतर रोकथाम और प्रबंधन के लिए अभ्यास-आधारित सिफारिश की आवश्यकता है।”
स्टडी में बताया गया है कि शुरूआत में भोजन का सेवन और शारीरिक गतिविधि का सबसे ज्यादा महत्व है। मधुमेह निवारण कार्यक्रम (Diabetes Prevention Program) और मधुमेह में स्वास्थ्य के लिए कार्रवाई जैसे कार्यक्रम 5% -10% तक वजन कम करने में मदद कर सकते हैं। यह खाने के पैटर्न को ठीक करने में मदद करता है, जो मेटाबॉलिज्म मापदंडों में सुधार कर सकते हैं। एम्स के मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर (Additional Professor Department of Medicine) डॉ पीयूष रंजन (Dr Piyush Ranjan) कहते हैं, “फार्माकोथेरेपी (Pharmacotherapy) जैसे कार्यक्रम में तीन महीनों में 5% वजन घटाने की उम्मीद की जा सकती है। यदि कस्टमर लगातार इन कार्यक्रमों का पालन करने में सक्षम नहीं है, तो आखिरी ऑप्शन सर्जिकल इंटरवेंशन है।” स्टडी में बताया गया है कि, “डाइट मैनेजमेंट के लिए आमतौर पर मीडियम कैलोरी से कम वाले डाइट महिलाओं के लिए 1000-1200 किलो कैलोरी और पुरुषों के लिए 1500-1800 किलो कैलोरी के सेवन की सिफारिश की जाती है। बहुत कम कैलोरी वाले डाइट पर मरीजों का वजन कभी बढ़ जाता है तो कभी कम हो जाता है। वजन घटने और बढ़ने की इस प्रक्रिया को आम भाषा में वेट साइक्लिंग (weight cycling) भी कहते हैं। अलग-अलग खाने में हमें कैलोरी बिल्कुल नपा-तुला होना चाहिए।
स्टडी से पता चलता है कि वजन कम करने के लिए आप जो भी खाते हैं उसमें 500-750 किलो कैलोरी की कमी करना सबसे पहला कदम होना चाहिए। 1200-1500 किलो कैलोरी का आहार महिलाओं के लिए ठीक माना जाता है, वहीं पुरुषों के लिए 1500-1800 किलो कैलोरी के आहार की सिफारिश की जाती है। यदि किसी व्यक्ति को बाहर का खाना खाते समय अक्सर घर का बना खाना मुश्किल लगता है, तो उसे क्रीम, तला हुआ, मेयोनेज़, पेस्टो, मोज़ेरेला, भुना हुआ पुलाव, मैदा और शहद-सरसों की चटनी आदि खाने से बचना चाहिए।
बता दें, यह स्टडी लाइफस्टाइल पर कोविड-19 (COVID-19) के लंबे समय तक रहने वाले प्रभावों की भी पड़ताल करता है। अध्ययन में पाया गया कि कोरोनरी हृदय रोग (coronary heart disease), मधुमेह और स्लीप एपनिया जैसी बीमारियों के रोगियों को अदिक खतरे वाले समूह के रूप में माना जाना चाहिए। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि हाइपरटेंशन, विकृत लिपिड प्रोफाइल (deranged lipid profile), बिगड़ा हुआ ग्लूकोज फास्टिंग और हृदय रोग के पारिवारिक इतिहास वाले रोगियों को भी ज्यादा खतरे वाले समूह का माना जाता है।