केरल में निपाह वायरस की वजह से जान गंवाने वाले 12 वर्षीय बच्चे के संपर्क में आए 251 व्यक्तियों की पहचान की है। इनमें से 38 लोग कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पृथक-वास में हैं और 11 लोगों में लक्षण नजर आए हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा है कि आज रात तक 8 लोगों के सैंपल टेस्ट के लिए भेज दिए जाएंगे जबकि तीन लोगों का टेस्ट कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने एक विज्ञप्ति में बताया कि संपर्क में आए 251 लोगों में 129 स्वास्थ्यकर्मी हैं।
उन्होंने बताया, ‘‘कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 38 लोग पृथक-वास हैं, जिनमें से 11 लोगों में संक्रमण के लक्षण दिखे हैं। आठ लोगों के नमूने राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे भेजे गए हैं।’’ निपाह संक्रमण के लक्षण वाले सभी लोगों की हालत स्थिर है। संपर्क में आए 251 लोगों में 54 अत्यंत जोखिम वाली श्रेणी में हैं और इनमें से 30 स्वास्थ्यकर्मी हैं। इनमें से बच्चे के अभिभावक समेत कुछ रिश्तेदार भी हैं।
जॉर्ज ने कहा एनआईवी, पुणे की टीम ने यहां मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एक विशेष प्रयोगशाला स्थापित की है। इसमें सोमवार रात से नमूनों की जांच की जाएगी। चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम ने बच्चे के घर और आसपास के इलाके का निरीक्षण भी किया। पशुपालन विभाग की एक टीम ने भी इलाके में जांच की। मंत्री ने कहा, ‘‘बच्चे के परिवार की दो बकरियों के खून और सीरम के नमूनों की भी भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में जांच करायी जाएगी।’’
जॉर्ज ने बताया कि कोझिकोड तालुक में कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान अगले 48 घंटों के लिए रोक दिया गया है। हालांकि, जांच और अन्य संबंधित गतिविधियां जारी रहेंगी। केरल सरकार ने निपाह वायरस के मामलों से निपटने के लिए सोमवार को प्रबंधन योजना जारी की जिसमें सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा पालन किए जाने वाले स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को सूचीबद्ध किया गया है।
कोझिकोड के 12 वर्षीय लड़के की रविवार को निपाह वायरस संक्रमण से मौत के बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। बच्चे के घर के तीन किलोमीटर के दायरे को निरूद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है। वहीं, इससे लगे इलाके भी कड़ी निगरानी में हैं। चार जिलों-कोझिकोड, पड़ोस के कन्नूर, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है।