नई दिल्ली: देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू हुए एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के शिक्षाविदों को संबोधित किया.
‘पहली बार साइन लैंग्वेज को विषय का दर्जा’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय यानि एक Subject का दर्जा प्रदान किया गया है. अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे. इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा, हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेगी.’
पीएम ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं. इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी develop किया जा चुका है.’
‘युवाओं को एक कदम आगे का सोचना होगा’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज बन रही संभावनाओं को साकार करने के लिए हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे होना पड़ेगा, एक कदम आगे का सोचना होगा. हेल्थ हो, डिफेंस हो, इनफ्रास्ट्रक्चर हो, टेक्नालजी हो, देश को हर दिशा में समर्थ और आत्मनिर्भर होना होगा.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने-आपने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा. लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से स्टूडेंट्स भारत आयें, बेस्ट institutions भारत आयें, ये अब हम देखने जा रहे हैं. नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है.’
‘आज का युवा चाहता है पुराने बंधनों से मुक्ति’
पीएम मोदी ने कहा, ‘जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉन्च किया गया है, वो भी हमारे युवाओं को future oriented बनाएगा, AI driven economy के रास्ते खोलेगा. 21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है. इसलिए, उसे exposure चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं. मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े factors में से एक है.’