‘हनुमान चालीसा’ विवाद के सिलसिले में गिरफ्तार निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर महाराष्ट्र पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। अब उनपर मुंबई के पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने पलटवार किया है। पुलिस कमिश्नर ने एक सीसीटीवी फुटेज शेयर किया है, जिसको खार पुलिस स्टेशन का बताया जा रहा है। इसमें निर्दलीय सांसद नवनीत राणा, उनके पति और विधायक रवि राणा थाने में बैठकर चाय पीते दिख रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले नवनीत राणा ने महाराष्ट्र पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। लोकसभा स्पीकर को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने उनपर जातिगत टिप्पणी की। नवनीत राणा ने चिट्ठी में लिखा था कि मुझे 23 तारीख को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। 23 अप्रैल को मुझे पूरी रात पुलिस स्टेशन में ही गुजारनी पड़ी। रात को मैंने कई बार पीने के लिए पानी मांगा लेकिन रातभर मुझे पानी नहीं दिया गया। नवनीत ने आगे बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मौके पर मौजूद पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूं, इसलिए वह मुझे उसी ग्लास में पानी नहीं दे सकते, जिसमें वे लोग पीते हैं। मतलब मुझे मेरी जाति की वजह से पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। मैं यह जोर देकर कहना चाहती हूं कि मेरी जाति की वजह से मुझे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया।
नवनीत ने आगे कहा कि मुझे रात को बाथरूम जाना था लेकिन पुलिस स्टाफ ने मेरी इस मांग पर भी कोई ध्यान नहीं दिया फिर मुझे गाली दी गई। कहा गया कि नीची जात वालों को वे (पुलिस स्टाफ) अपना बाथरूम इस्तेमाल नहीं करने देते हैं। नवनीत ने लोकसभा स्पीकरको लिखी चिट्ठी में कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही शिवसेना सरकार अपने हिंदुत्व के सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक चुकी है। ये लोग जनता के उस भरोसे को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसके आधार पर ये सत्ता में आए।
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुंबई में निजी आवास के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने की घोषणा के बाद खार पुलिस ने दंपति के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। विभिन्न धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप में पुलिस ने 23 अप्रैल को पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में इस प्राथमिकी में राजद्रोह का आरोप भी जोड़ दिया गया था। खार पुलिस ने 24 अप्रैल को एक लोक सेवक को ड्यूटी करने से रोकने के आरोप में राणा दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 के तहत दूसरी प्राथमिकी दर्ज की थी।