मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले नगरीय निकाय चुनाव यानी सत्ता से पहले के सेमीफाइनल के नतीजे कल आने वाले हैं। मध्य प्रदेश में कुल 347 निकायों और 16 नगर निगमों में दो चरणों में चुनाव हुए थे। इसमें से कल 11 नगर निगम और 133 नगरीय निकाय में हुए चुनाव के नतीजे आएंगे। बचे हुए 5 निगम और 214 निकायों के नतीजे 20 जुलाई को आएंगे।
दरअसल, मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उस हिसाब से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए यह चुनाव और उसके नतीजे किसी सेमीफाइनल की तरह ही है। यही वजह है कि इन चुनावों के नतीजों पर कांग्रेस और बीजेपी के भविष्य का फैसला भी कल और 20 जुलाई को आने वाले नतीजों पर टिका हुआ है।
पहले चरण में कम वोटिंग तकरीबन 59 प्रतिशत हुई थी, जिसके चलते कांग्रेस और बीजेपी दोनों की टेंशन बढ़ चुकी है। यही वजह है की मतगणना पर दोनों दलो, खासकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की पैनी नजर रहेगी।
सीएम चौहान के निवास पर एक अस्थाई कंट्रोल रूम बनाया गया
इसके लिए बकायदा शिवराज सिंह चौहान के निवास पर एक अस्थाई कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री कल सुबह से मतगणना पर नजर रखते हुए जिले के नेताओं से भी संपर्क में रहेंगे। वहीं, पूर्व मंत्री कमलनाथ भी भोपाल में बनाए गए विशेष चुनाव कंट्रोल रूम में बैठकर पूरे प्रदेश की मतगणना पर नजर रखेंगे।
वहीं, किसी भी शहर में किसी भी तरीके की गड़बड़ी होने की सूचना मिलने पर कमलनाथ विशेष हेलीकॉप्टर के जरिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं की लीगल टीम के साथ उस शहर में पहुंचेंगे। इसके लिए बकायदा हेलीकॉप्टर भी विशेष रूप से पूरे दिन तैयार रहेगा। कमलनाथ की पूरी लीगल टीम भी नियम-कानून और कायदे के दस्तावेजों के साथ चुनावी गड़बड़ी से निपटने के लिए तैनात रहेगी।
2015 में हुए चुनाव में सभी 16 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा रहा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए प्रदेश की 16 नगर निगम के चुनावी नतीजे 2023 के चुनाव की सत्ता की सीढ़ी के लिए बेहद जरूरी हो जाते हैं। 2015 में हुए चुनाव में सभी 16 नगर निगमों पर बीजेपी के मेयर का कब्जा रहा है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान के लिए बड़ी चुनौती है कि वह सभी की सभी 16 सीटों को बरकरार रखते हुए 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की मजबूती कायम रख सके।
वहीं, महज 15 महीनों में सत्ता से बाहर होकर अपनी सरकार गंवा चुके कमलनाथ के लिए भी इन चुनाव के नतीजे बेहद अहम हो जाते हैं, क्योंकि 2018 के चुनाव में मिली जीत के बावजूद विधायकों के बीजेपी में चले जाने के चलते कमलनाथ के हाथ से सत्ता गई थी। ऐसे में नगर निगम और नगरीय निकाय के चुनाव में मिली सफलता कांग्रेस को 2023 के चुनाव में मजबूती दे सकती है।