जम्मू में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) के कार्यालय से राष्ट्रीय ध्वज (allegedly removed tricolor) को कथित तौर पर हटा दिया गया था। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के क्षेत्र के दौरे से पहले तिरंगा को कथित तौर पर रातो रात हटा दी गई। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री अपने कार्यालय में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ कई बैठकें कर सकती हैं।
पिछले दिनों तिरंगे को लेकर नेता के विवादित बयानों को देखते हुए पीडीपी कार्यालय से राष्ट्रीय ध्वज के अचानक हटा देने से एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
इससे पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर के कोटरांका इलाके में एक सरकारी भवन में राष्ट्रीय ध्वज (national flag) को कथित तौर पर अपने झंडे से बदलकर उसका अपमान किया। घटना के बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम 1971 की धारा 2 (A) के तहत अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की। घटना के बारे में जिला आयुक्त को जानकारी देने पर उन्होंने तिरंगे तत्काल लगाने का आदेश दिया।
पीडीपी नेता राजिंदर मन्हास (Rajinder Manhas) ने विवाद को लेकर कहा कि मैं वहां था, मुझे नहीं लगता कि ये कोई मुद्दा है। मैं इसकी पुष्टि करूंगा। हमारी पार्टी का झंडा है। यह सिर्फ प्रचार है, हम जम्मू के निवासी हैं और राष्ट्रीय ध्वज हमारे दिलों में बना हुआ है।
रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता (Kavinder Gupta) ने कहा, हमने उनके (महबूबा मुफ्ती) पिछले बयानों को देखा है कि वो राष्ट्रीय ध्वज का कितना सम्मान करती हैं। पिछले साल भी ध्वज को बलपूर्वक फहराया गया था। वे हमेशा राष्ट्र विरोधी चीजों के बारे में बात करते हैं।
राष्ट्रीय ध्वज पर महबूबा मुफ्ती का बयान
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के नेतृत्व वाली पार्टी पर राष्ट्रीय ध्वज का अनादर करने का आरोप लगा है। पिछले साल भी पीडीपी नेता के तिरंगा न फहराने के बयान के बाद विवाद शुरू हो गया था। जब उन्होंने कहा था कि वो भारतीय झंडा नहीं फहराएगी जब तक कि जम्मू-कश्मीर राज्य का झंडा वापस नहीं आ जाता और धारा 370 बहाल नहीं हो जाती। इसके बाद कुछ लोगों ने पीडीपी के जम्मू कार्यालय में जाकर जबरन राष्ट्रीय ध्वज फहराया।