महाराष्ट्र में सियासी तूफान पिछले कई दिनों से जारी है। महाराष्ट्र में शिवसेना दो धड़ों में बंट गई है। एक धड़ा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खेमे में है, तो दूसरा एकनाथ शिंदे के खेमे में चला गया है। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस भेजा गया है। इस बीच, शिवसेना के नेता संजय राउत ने बयान दिया है।
संजय राउत ने कहा, “शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 6 प्रस्ताव किए गए हैं। तय किया है कि शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा का पालन करेगी और संयुक्त महाराष्ट्र की विचारधारा से समझौता नहीं करेगी।” उन्होंने कहा, “हम उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने अपनी आत्मकेंद्रित राजनीति के लिए बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल किया है। जो लोग छोड़कर चले गए हैं वे हमारे पितामह के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते।”
‘सीएम उद्धव ठाकरे ने जो काम किया है, वह काबिले तारीफ है’
राउत ने कहा, “सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जिन नेताओं ने शिवसेना छोड़ दी है, उन्हें शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे के नाम पर वोट नहीं मांगना चाहिए। अपने पिता के नाम पर वोट मांगें। महाविकास अघाड़ी एकजुट है।” उन्होंने कहा, “लोगों को पता चल जाएगा कि शाम तक पार्टी छोड़ने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। सीएम उद्धव ठाकरे ने जो काम किया है, वह काबिले तारीफ है। हम सब उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।” संजय राउत ने आगे कहा, “पार्टी से गद्दारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सीएम ठाकरे के पास छोड़कर जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है।”
गौरतलब है कि शिवसेना के 16 बागी विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर की ओर से नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में लिखा है कि विधायकों को दल-बदल कानून के आधार पर अयोग्यता से जुड़े मामले में 27 जून शाम 5:30 बजे तक अपने बचाव के लिए लिखित स्पष्टीकरण भेजना होगा। इसके साथ ही विधायकों को अपने केस के समर्थन में दस्तावेजों को भी लाना होगा। नोटिस में यह भी लिखा है कि यदि इस अवधि में कोई विधायक उपस्थित नहीं होता है, तो यह मान लिया जाएगा कि आपको किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है।