मध्य प्रदेश के सीधी जिले के एक गांव की एक आदिवासी महिला ने एक तेंदुए से लड़ते हुए उसके पंजे से अपने 8 साल के बच्चे को छुड़ा लिया। वन के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि गांव में घर के बाहर से अपने बेटे को तेंदुए द्वारा अचानक ले जाने के बावजूद महिला ने अपना संयम नहीं खोया और अपने अन्य बच्चों को झोंपड़ी में बंद कर वह तेंदुए के पीछे जंगल की ओर दौड़ पड़ी। यह घटना रविवार की रात को सीधी जिले के संजय बाघ अभयारण्य के बफर जोन के बड़ी झरिया गांव में हुई।
‘बेटे को पकड़कर जंगल में भाग गया था तेंदुआ’
निदेशक वाई. पी. सिंह ने कहा कि बैगा जनजाति की महिला किरण अपने 3 बच्चों के साथ अपनी झोंपड़ी के बाहर आग तापने के लिए बैठी थी, तभी अचानक एक तेंदुआ उसके बगल में बैठे 8 साल के बेटे राहुल को जबड़े में पकड़ कर जंगल की ओर भाग निकला। अचानक हुई इस घटना से महिला सदमे में तो थी लेकिन उसने साहस एवं समझदारी से काम लेते हुए करीब एक किलोमीटर तक जंगल में तेंदुए का पीछा किया। जंगल में तेंदुआ झाड़ियों में छिपकर बच्चे को अपने पंजों में जकड़े हुए था।
‘बच्चे को छोड़कर भाग खड़ा हुआ तेंदुआ’
अधिकारी ने कहा कि किरण ने भी हार नहीं मानी और वह डंडे से तेंदुए को डराने की कोशिश करते हुए शोर मचाती रही। उन्होंने कहा, ‘तेंदुआ महिला की बहादुरी से डर गया और बच्चे को वहीं छोड़ दिया। किरण ने तुरंत बेटे को गोद में लिया लेकिन तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। हालांकि बेटे को बचाते हुए किरण ने बड़े साहस के साथ तेंदुए पर काबू पा लिया। इस दौरान किरण के मदद की गुहार सुनकर अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए और तेंदुआ जंगल में भाग गया।’
सीएम शिवराज ने भी की महिला की तारीफ
सिंह ने कहा कि लड़के की पीठ, गाल और आंखों पर चोटें आई हैं और हमले में उसकी मां भी घायल हो गई है। बफर जोन के रेंजर असीम भूरिया ने मां और बेटे को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया और तत्काल एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। अधिकारी ने कहा कि दोनों घायलों का उपचार वन विभाग द्वारा कराया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को एक ट्वीट कर महिला के इस साहसिक कार्य की सराहना की।