लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। भियोजन पक्ष के वकील एसपी यादव ने बताया कि ‘आशीष मिश्रा को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।’ कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा, ‘रिमांड के दौरान आरोपी को शरीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। आरोपी को रिमांड में लेते समय और रिमांड खत्म होने के बाद जेल दाखिला के समय उसका मेडिकल कराया जाएगा।’
गौरतलब है कि SIT की ओर से यह कहकर रिमांड मांगी गई थी कि आशीष जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और विभाग के पास उससे पूछने के लिए अभी कई सवाल हैं, जिनके जवाब जानना जरूरी है। SIT ने 14 दिनों की रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने तीन दिन की ही रिमांड दी। कोर्ट में अभियोजन पक्ष के वकील की ओर से कहा गया कि ‘जांच टीम के पास आशीष से पूछने के लिए बहुत सवाल थे लेकिन आशीष ने 12 घंटे में केवल 40 सवालों का ही जवाब दिया।’
हालांकि, SIT के रिमांड मांगे जाने का आशीष के वकील अवधेश सिंह ने विरोध किया। अवधेश सिंह ने कहा कि ‘आशीष मिश्रा से SIT पहले ही 12 घंटे की पूछताछ कर चुकी है, तो अब थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करने के लिए रिमांड की जरूरत क्या है?’ मिश्रा के वकील ने कहा कि ‘आशीष जांच में सहयोग कर रहे हैं, ऐसे में पुलिस रिमांड में भेजे जाने का कोई कारण नहीं है।’
वकील अवधेश सिंह ने कहा, ‘अगर आपके (SIT) पास सवालों की और लिस्ट है तो दिखाइए, आशीष जांच अधिकारी के समक्ष धारा 161 के तहत बयान दर्ज करवा चुके हैं। फिर भी पुलिस ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि आशीष ने जांच में सहयोग नहीं किया।’ आशीष मिश्रा के वकील ने कहा कि ‘SIT बताए कि कस्टडी क्यों चाहिए, वो आशीष को कहां ले जाना चाहती है?’
आशीष के वकील सिह ने कहा, ‘आपने हमें 40 सवालों की प्रश्नावली दी थी लेकिन आपने हजारों सवाल किए, अब पूछने के लिए क्या बाकी रह गया है?’ उन्होंने कहा कि ‘जांच टीम के बुलाने पर हमने सहयोग किया और पूछताछ के लिए पहुंचे। आशीष जेल में हैं, जांच टीम वहां भी पूछताछ कर सकती हैं। मामला बेहद संवेदनशील और हाई प्रोफाइल है, ऐसे में आशीष को बाहर भेजना सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं होगा।’
आशीष के वकील ने कहा, ‘सवालों में (जो SIT ने आशीष से पूछे थे) पूछा गया था कि वो घटना के वक्त कहां थे? थार गाड़ी में कौन मौजूद था? जैसे पुलिस के सभी 40 सवालों का जवाब आशीष ने दिया।’ आशीष के वकील ने कहा, ‘आशीष मिश्रा के घटना के दिन के 2 बजे से 4 बजे तक दंगल के कार्यक्रम में शामिल रहने के सबूत के तौर पर जांच टीम को पैनड्राइव में कई वीडियो और तकरीबन 150 फोटो सौंपे गए थे।’