जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में बढ़ी आतंकी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने वहां के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजना शुरू कर दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार घाटी में सुरक्षाबलों की 50 अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं और श्रीनगर में एक बार फिर से सिक्योरिटी बंकर तैयार किए जा रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार कश्मीर घाटी में पिछले दिनों हुई हिंसा की बड़ी घटनाओं को लेकर चिंतित है। आतंकियों ने पिछले दिनों पांच प्रवासी श्रमिकों और अल्पसंख्यक समाज के तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इन हत्याओं के चलते कई प्रवासी श्रमिकों और अल्पसंख्यक कश्मीर घाटी छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
हिंसा की इन बड़ी घटनाओं के बीच गृह मंत्री अमित शाह कल से तीन दिनों के दौरे पर जम्मू-कश्मीर रवाना होंगे। वह कल श्रीनगर पहुंचेंगे और सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। अमित शाह लक्षित हमलों की लहर के बीच पंचायत सदस्यों के साथ-साथ राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी संबोधित करेंगे। अगस्त 2019 में धारा 370 को निरस्त करने के बाद से जम्मू-कश्मीर में अमित शाह की यह पहली यात्रा होगी, जिसका मकसद क्षेत्र में विकास कार्य की समीक्षा के बहाने रुकी हुई राजनीतिक गतिविधियों को दोबारा शुरू किया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, दौरे में केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य के हालात और रुकी हुई राजनीतिक गतिविधियों पर बातचीत करने के लिए एक ऑल पार्टी बैठक बुलाने का भी सुझाव दिया था, लेकिन कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से ऐसी किसी बैठक में शामिल होने से इनकार के बाद बैठक को फिलहाल अल्पविराम में रखा गया है। पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने ऐसी किसी भी बैठक में गृह मंत्री के साथ श्रीनगर में शामिल होने से साफ़ इनकार किया है।