जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुए बड़े मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए हैं। जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सेना ने आतंकियों के एक समूह को घेर लिया है। सूत्रों का कहना है कि आतंकियों की संख्या चार से पांच हो सकती है। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि ‘खुफिया सूचना के आधार पर सोमवार सुबह भारतीय सेना ने पुंछ के सुरनकोट क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया था। इसी दौरान मुठभेड़ शुरू हो गई।’
दोनों तरफ से जारी गोलीबारी में भारतीय सेना का एक जेसीओ (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) और चार जवान शहीद हो गए हैं। इसके बाद सेना की ओर से अतिरिक्त फोर्स को मौके पर भेजा दिया गया और पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली गई है। बताया जा रहा है कि फिलहाल आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है। वहीं दूसरी तरफ सुरक्षा बलों ने सोमवार को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग और बांदीपुरा जिले में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मार गिराए।
रिटायर्ड ब्रिगेडियर ने पूछा- आतंकवादी इलाके में कैसे पहुंचे?
रिटायर्ड ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने कहा, “यह बहुत आश्चर्यजनक है कि आतंकवादी वहां कैसे पहुंचे क्योंकि यह एलओसी क्षेत्र नहीं है बल्कि कश्मीर का अंदरुनी हिस्सा है। अगर वे डेरा की गल्दी तक पहुंच सकते हैं तो सीजफायर का क्या मतलब है? हमें युद्धविराम को वापस लेना चाहिए और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।”
‘हमने किस आधार पर पाकिस्तान को युद्धविराम दिया है?’
रिपब्लिक से बात करते हुए रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ हुई है। उन्होंने कहा, “मैं कहता रहा हूं कि अफगानिस्तान में तालिबान की एंट्री पाकिस्तान के सिर पर चढ़ गई है। वे भारत में आतंकवादियों के घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। हमने किस आधार पर पाकिस्तान को युद्धविराम दिया है? अब हमें सीमा पार करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘राजौरी और पुंछ में लगातार घुसपैठ जारी है। क्योंकि यह एक वन क्षेत्र है और हर बार जब हमारे जवान इन क्षेत्रों में गए तो हमने जान गंवाई। मुझे नहीं पता कि हम पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण क्यों हैं”।