जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में शुक्रवार को आतंकवादी हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने शाम को गुलशन चौक पर पुलिस के एक दल पर गोलियां चलायीं। गोलीबारी में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है।
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने ताजा जारी बयान में कहा, बांदीपोरा क्षेत्र के गुलशन चौक इलाके में आज पुलिस पार्टी पर आतंकवादियों की गोलीबारी में दो पुलिस कर्मियों- सीनियर कॉन्स्टेबल मोहम्मद सुल्तान और कॉन्स्टेबल फैयाज अहमद की मौत हो गई। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और हमलावरों की तलाश की जा रही है। पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ अपने अभियान को तेज किया है। इस वजह से आतंकी अब घात लगाकर सैनिकों और पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे हैं। इन हमलों के जरिए आतंकियों की हताशा नजर आ रही है। हालांकि, भारतीय सेना इन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रही है।
जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन सालों में हुए 1,033 आतंकी हमले
वहीं, हाल ही में केंद्र सरकार ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन साल के दौरान 1,033 आतंकवादी हमले हुए हैं। इसमें से सबसे अधिक 594 घटनाएं 2019 में दर्ज की हुईं। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में पिछले साल 244 आतंकवादी हमले हुए, जबकि मौजूदा वर्ष में 15 नवंबर तक ऐसी 196 घटनाएं सामने आईं।
दिल्ली में हुई ऐसी एक ऐसी घटना को भी सूची में शामिल करने पर 2019 से 2021 (मध्य नवंबर तक) के बीच देश में कुल 1,034 ऐसी घटनाएं हुईं। अजय भट्ट ने बताया कि इस अवधि के दौरान आतंकवाद विरोधी अभियान में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) जवानों सहित कुल 177 कर्मियों की मौत हुई। उन्होंने बताया कि 2019 में 80, 2020 में 62 और चालू वर्ष (15 नवंबर तक) में 35 कर्मियों की मृत्यु हुई।
समुद्री सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता में किया गया इजाफा
अजय भट्ट ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि सरकार ने तटीय, अपतटीय और समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कई उपाय किए हैं। इनमें समुद्री सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता में वृद्धि, तटीय और अपतटीय क्षेत्रों की तकनीकी निगरानी बढ़ाना और अंतर-एजेंसी समन्वय के लिए तंत्र की स्थापना शामिल हैं। भट्ट ने कहा कि समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना के पोतों और विमानों को हिंद महासागर क्षेत्र में ‘मिशन आधारित तैनाती’ के तहत नियमित रूप से तैनात किया जाता है।