विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के कारण रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 60 पैसे टूटकर रिकॉर्ड ऑल टाइम लो 77.50 पर बंद हुआ। विशेषज्ञों ने कहा कि बढ़ती महंगाई को लेकर बढ़ती चिंताओं और वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा दरें और बढ़ाने की आशंका के बीच निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.17 के भाव पर कमजोर खुला और फिर 77.50 पर बंद हुआ। आइए, जानते हैं कि रुपये टूटने की आपकी जेब और जीवनन पर क्या होगा असर?
रुपये में क्यों आई गिरावट
विशेशज्ञों का कहना है कि बीते कुछ महीनों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से रिकॉर्ड 17.7 अरब डॉलर की बिकवाली की है। इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमत रिकॉर्ड हाई पर है। वहीं, अमेरिकी केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी से डॉलर मजबूत हुआ है। इन सब कारणों से चालू खाते का घाटा भी बढ़ा है जो भारतीय रुपये को कमजोर किया है। इससे रुपये में बड़ी गिरावट आई है।
रुपये में कमजोरी का आपकी जेब पर असर
विदेशों में बच्चों को पढ़ाना और घूमना महंगा होगा: भारत में उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने का चलन बहुत पुराना है। भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोप जाते हैं। रुपये की गिरावट भारत में विदेश-शिक्षा के इस रुझान पर बड़ा असर डालेगा क्योंकि अब समान शिक्षा के लिए पहले की तुलना 15 से 20 फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
महंगाई और बढ़ जाएगी: रुपये टूटने से भारत में महंगाई और बढ़ जाएगी। पेट्रोल-डीजल से लेकर तमाम जरूरी के सामान के दाम बढ़ने स महंगाई बढ़ेगी। वहीं, दिनों-दिन रुपए की बिगड़ रही हालत निवेशकों को भारतीय अर्थव्यवस्था के हालात के संकेत भी दे रही है। इससे निवेशकों के रुख पर भी बुरा असर होगा।
आयात बिल बढ़ेगा: रुपये की कमजोरी से सबसे ज्यादा नुकसान कच्चे तेल के आयात पर होगा। कच्चे तेल का आयात बिल में बढ़ोतरी होगी और विदेशी मुद्रा ज्यादा खर्च करना होगा।
इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगे होंगे: रुपये की कमजोरी से इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को नुकसान होगा, क्योंकि महंगे इलेक्ट्रॉनिक गु्ड्स आयात करने होंगे। नकारात्मक असर जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर पर दिखाई देगा।
उर्वरक की कीमत बढ़ेगी: भारत बड़ी मात्रा में जरूरी उर्वरकों और रसायन का आयात करता है। रुपये की कमजोरी से यह भी महंगा होगा।