हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा था और भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सैनिक ब्रिगेडियर खुशहाल चंद ठाकुर पर दांव खेला था लेकिन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र होने के बावजूद भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।
मंडी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की जीत और भाजपा की हार का मार्जिन बहुत ही कम रहा है, कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा ठाकुर को कुल 365950 वोट मिले हैं और भाजपा प्रत्याशी खुशहाल चंद ठाकुर को 356848 वोट प्राप्त हुए हैं यानी कांटे की टक्कर में 8789 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब हुई हैं। जीत का यह मार्जिन NOTA को मिले वोटों से भी कम है। NOTA पर कुल 12466 वोट पड़े हैं।
पूर्व सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद मंडी लोकसभा सीट खाली हो गई थी, रामस्वरूप शर्मा लगातार 2 बार भाजपा के टिकट पर मंडी लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। मंडी लोकसभा सीट के तहत मंडी, कुल्लू और लाहौल स्पिती जिलों का क्षेत्र आता है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की यह गृह लोकसभा सीट है। लेकिन मुख्यमंत्री की गृह लोकसभा सीट होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा है।
हिमाचल प्रदेश के उप चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ मंडी लोकसभा सीट पर ही हार का सामना नहीं करना पड़ा है बल्कि विधानसभा की 3 सीटों के लिए हुए उप चुनाव में भी भाजपा की हार हुई है। राज्य में पार्टी की सरकार होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी तीनों विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हार गई है। फतेहपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी भवानी सिंह पठानिया 5789 वोटों से जीते हैं, अर्की विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी संजय की 3219 वोटों से जीत हुई है और जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर की 6293 वोटों से जीत हुई है।
अगले साल हिमाचल प्रदेश में आम विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में उप चुनावों में हुई पार्टी की हार प्रदेश स्तर पर पार्टी के नेतृत्व पर सवालिया निशान उठाती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए यह हार बड़ा झटका साबित हो सकती है। इस साल भारतीय जनता पार्टी ने कई प्रदेशों में अपने मुख्यमंत्री बदले हैं, जब भाजपा ने गुजरात में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को हटाकर नए सिरे से पूरी सरकार बनाई थी तो ऐसी अटकलें थीं कि भाजपा हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा प्रयोग कर सकती है। देखना होगा कि उप चुनावों में हार के बाद क्या भाजपा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ अगले विधानसभा चुनाव में उतरती है या फिर किसी नए चेहरे पर दांव खेला जाएगा।