ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आज अहमदाबाद में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी से मुलाकात की। यह मुलाकात अहमदाबाद के शांतिग्राम में स्थित अदाणी ग्लोबल हेडक्वार्टर्स में हुई। अदाणी कॉर्पोरेट हाउस पहुंचने पर अदाणी के मुख्य अधिकारियों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और उनके प्रतिनिधियों का पारम्परिक तौर पर स्वागत किया। पिछले 300 वर्षों में किसी भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यह पहला गुजरात दौरा है। ब्रिटेन के लम्बे इतिहास में इससे पहले ब्रिटेन के किसी भी कार्यरत प्रधानमंत्री ने कभी गुजरात का दौरा नहीं किया।
अदाणी ग्रुप के ग्लोबल हेडक्वार्टर्स में बोरिस जॉनसन और गौतम अदाणी ने दोनों देशों के बीच के कई मामलों पर चर्चा की जिसका मूल उदेश्य भारत और ब्रिटेन के बीच के संबंधों को और मज़बूत करना था। जॉनसन और अदाणी ने एनर्जी ट्रांजीशन, क्लाइमेट ऐक्शन , एरोस्पेस और डिफेंस टेक्नोलॉजी तथा ह्यूमन कैपिटल के क्षेत्र में विकास समेत कई ख़ास मुद्दों पर चर्चा की।
इस मुलाकात से पहले, अदाणी ग्रुप के चेयरमेन ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन से पिछले साल अक्टूबर में लंदन में हुई ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में मिले थे, जहां दोनों ने क्लीन एनर्जी पहुँचाने के विषय पर वर्तमान प्रयासों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी। उस मुलाकात से लेकर अब तक, इस मामले में अदाणी ग्रुप की प्रगति काफी अहम रही है।
बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में यूनाइटेड किंगडम ने 2030 तक 50 GW ऑफशोर विंड एनर्जी , 2035 तक 70 GW सोलर एनर्जी और 2030 तक 10 GW कम कार्बन वाला हाइड्रोजन प्रोड्यूस करने का लक्ष्य रखा है। 2050 तक ब्रिटेन 24 GW न्यूक्लियर पावर का उत्पादन भी करेगा जिसके लिए 2030 तक 8 नए रिएक्टर्स जोड़े जाएंगे। जॉनसन का कहना है कि उनकी सरकार की ऊर्जा रक्षा रणनीति से इस दशक के अंत तक करीब 4,80,000 नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी की भारत 2030 तक 500 GW की क्षमता वाले non-fossil energy की मदद से 2070 तक नेट जीरो एमिशन्स के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। भारत के इस नेट जीरो लक्ष्य को हांसिल करने के लिए अदाणी ग्रुप ने 70 बिलियन डॉलर के इन्वेस्टमेंट का वादा किया है जो solar और wind energy के क्षेत्र में 40 GW का योगदान देगा, और सालाना 2 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा जो भारत के 2030 तक के सालाना 5 मिलियन टन के उत्पादन लक्ष्य का 40% है।
अदाणी ग्रुप की कंपनियों में से तीन कंपनियां – अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनोमिक ज़ोन, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी ग्रीन एनर्जी ने SBTI 1.5 डिग्री पाथवे के लिए साइन-अप किया है। अदाणी ग्रुप भारत के लिए जलवायु परिवर्तन (climate change) के हित में सबसे अग्रसर बनकर उभरा है और इस विषय में COP26 में ग्लोबल लीडर्स से कमिटमेंट लेने में यूनाइटेड किंगडम ने कारगर भूमिका निभाई है.
अदाणी ग्रुप के चेयरमेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के बीच आज की मुलाकात का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है डिफेंस क्षेत्र में सहभागिता। सेना को 2030 तक आधुनिक बनाने के लिए भारत ने 300 बिलियन डॉलर का निवेश प्लान किया है और अदाणी का लक्ष्य OEM क्षमताओं को और मज़बूत करके भारत को डिफेंस क्षेत्र में एक एक्सपोर्ट हब के तौर पर स्थापित करना। आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत, किस तरह से अदाणी ग्रुप और ब्रिटेन की जानी-मानी कम्पनियां एक-दूसरे के साथ जुड़कर काम कर सकें और साथ मिलकर एयरोस्पेस और डिफेंस टेक्नोलॉजी को डिज़ाइन और डेवेलप कर सकें उस पर विचार किया गया। 300 से अधिक प्लेटफार्म और उपकरण का इम्पोर्ट बैन करके भारत ने आत्मनिर्भरता का अपना इरादा दुनिया को बता दिया है – यह एक ऐसा कदम है जिसके बारे में डिफेंस के विशेषज्ञ कहते हैं की यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
आज की इस मीटिंग में गौतम अदाणी ने युवा भारतियों के लिए शेवनिंग स्कॉलरशिप की घोषणा की है जो ब्रिटिश सरकार की सबसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलरशिप्स में से एक है। हर साल, अदाणी ग्रुप भारतीय विद्यार्थियों को £2,00,000 की 5 स्कॉलरशिप्स देकर ब्रिटेन में मास्टर्स डिग्री के लिए पढ़ने का मौका प्रदान करेगा। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री को आगामी इंडिया-युके क्लाइमेट साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी समिट के लिए भी न्योता दिया है। जिसे अदाणी ग्रुप ने सपोर्ट किया है। यह समिट लंदन में 28 जून, 2022 से शुरू होगा।