दिल्ली के बॉर्डर्स पर एक साल से चल रहा किसान आंदोलन खत्म होगा या चलता रहेगा, यह आज तय हो जाएगा। किसान आंदोलन की आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए आज संयुक्त किसान मोर्चा की बड़ी बैठक हो रही है। कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में किसान आंदोलन खत्म करने पर फैसला हो सकता है क्योंकि पंजाब के ज्यादातर किसान संगठन तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद अब आंदोलन जारी रखने के मूड में नहीं हैं। आज सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हो रही है जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
सरकार ने किसानों की मांगों में से सबसे बड़ी मांग तीनों कृषि कानूनों को तो वापस ले लिया है। संसद से इन कानूनों को रद्द करने का बिल भी पास हो चुका है लेकिन किसान अपनी दूसरी मांगों को भी पूरा करने पर अड़े हैं। वो चाहते हैं कि बाकी मांगें भी पूरी हो तभी वो अपना आंदोलन खत्म करेंगे।
क्या है किसानों की मांग?
1. MSP पर कानूनी गारंटी मिले
2. किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हों
3. मारे गए किसानों को मुआवाजा मिले
4. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा बर्खास्त किए जाएं
5. बिजली संशोधन विधेयक का ड्राफ्ट वापस हो
6. पराली जलाने पर सज़ा का प्रावधान खत्म हो
7. सिंघु बॉर्डर पर शहीद किसानों का मेमोरियल
8. आंदोलन में नुकसान ट्रैक्टर का मुआवजा मिले
एमएसपी है और एमएसपी रहेगा- कृषि मंत्री
बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा है कि एमएसपी है और रहेगा किसानों को आंदोलन वापस लेना चाहिए जबकि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि जब तक MSP की लीगल गारंटी, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों के साथ उनकी मांगों पर सरकार तैयार नहीं होती आंदोलन वापस नहीं होगा।
सीएम खट्टर संग बैठक रही बेनतीजा
उधर आज की अहम बैठक से पहले कल हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार ने हरियाणा के किसान संगठनों को मनाने की एक कोशिश की। हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने किसान नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में हरियाणा के बड़े किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित कई नेता शामिल हुए। करीब तीन घंटे से ज्यादा बात हुई लेकिन सहमति नहीं बन पाई। हरियाणा के किसान संगठनों का कहना है कि आखिरी फैसला आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में होगा।