कोरोना वायरस के खिलाफ एकमात्र कारगर हथियार के रूप में वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। देशभर में लोगों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन मुफ्त में लगाई जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारें जल्दी ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट कराने के प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में वैक्सीनेशन को लेकर पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पंजाब में अब जिन सरकारी कर्मचारियों ने वैक्सीन का एक भी डोज नहीं ली है, उन्हें सरकार अनिवार्य रूप से छुट्टी पर भेजेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह आदेश दिए हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी आदेश दिया गया है कि चिकित्सा के अलावा किसी अन्य कारण से कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक लेने में विफल रहने वाले पंजाब सरकार के कर्मचारियों को 15 सितंबर के बाद अनिवार्य रूप से छुट्टी पर भेजा जाएगा।
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आगामी त्योहारों के मौसम को देखते हुए मौजूदा कोविड प्रतिबंधों को 30 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया है। नए आदेशों के अनुसार, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और अन्य सभी सभाओं में 300 लोगों को आने की अनुमति ही होगी। इस दौरान मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी जरूरी होगा।
वैक्सीनेशन अभियान
गौरतलब है कि देशभर में वैक्सीनेशन अभियान बहुत तेजी से चल रहा है। पूरे देश में टीके की 67,58,491 खुराकें लगाने के साथ कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 72।37 करोड़ (72,37,84,586) के पार पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को बताया कि पूरे देश में अबतक वैक्सीन की 72 करोड़ डोज लगाई गई हैं। अब तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के 58 प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, इनमें 18 फीसदी लोगों ने कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवा ली है। बता दें कि इस समय भारत में 6 वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन के अलावा स्पुतनिक वी, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन और जायडस कैडिला के ZyCoV-D शामिल है।