नई दिल्ली: 2024 के चुनावों का सेमीफाइनल कहे जाने वाले 2023 के पांच राज्यों के चुनावों का मतदान संपन्न हो गया। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। कुछ छोटी-मोती घटनाओं को छोड़कर इस बार यह चुनाव शांतिपूर्ण रहे। लेकिन इस बार इन राज्यों से मतदाताओं को प्रभावित करने के नापाक मंसूबे भी खूब बढ़े। इसी का परिणाम था कि चुनाव आयोग के निर्देश पर विभिन्न एजेंसियों ने जमकर पैसों समेत अन्य चीजों की बरामदगी की।
1766 करोड़ रुपए से अधिक की नगदी और सामान किया जब्त
निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सभी पार्टियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए कई मौकों पर सख्ती बरती। अधिकारियों ने इस दौरान मुफ्त में बांटी जाने वाली बहुत सी चीजें, ड्रग, नकदी और शराब जब्त की जिनकी कीमत 1766 करोड़ से अधिक है तथा इनका इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जाना था। स्थानीय चुनाव मशीनरी की शिकायतों और सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने कई प्रमुख नेताओं को कारण बताओ नोटिस और सलाह जारी की कि वे आचार संहिता के प्रावधानों का पालन करें।
तेलंगाना सरकार को दी अनुमति भी आयोग ने ली वापस
तेलंगाना के वित्त मंत्री हरीश राव द्वारा ‘रायथु बंधु’ योजना के तहत किस्त जारी करने के बारे में घोषणा किए जाने को आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। आयोग ने प्रदेश में रबी फसलों के लिए किसानों को वित्तीय सहायता के वितरण के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अनुमति वापस ले ली। निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को कुछ शर्तों के आधार पर आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान रबी फसलों के लिए किस्त का भुगतान करने की मंजूरी दे दी थी। आयोग ने सरकार से पांच दिसंबर तक इन पांच राज्यों में योजनाओं और पहलों पर अपने व्यापक संपर्क कार्यक्रम, प्रस्तावित ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को रोकने के लिए भी कहा था। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि आदर्श आचार संहिता लागू होने तक यात्रा चुनाव वाले राज्यों को कवर नहीं करेगी।
कई नेताओं को भेजे गए नोटिस
इसी के साथ प्रतिद्वंद्वी दलों की शिकायतों के आधार पर आयोग ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) प्रमुख तथा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को नोटिस जारी किया। बाद में उन्हें एक परामर्श जारी किया गया और आदर्श आचार संहिता का अक्षरश: पालन करने को कहा गया। हाल ही में चुनाव आयोग ने तेलंगाना के अखबारों में अपनी उपलब्धियों का प्रचार करने वाले विज्ञापनों पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। कर्नाटक के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए उससे पूर्व मंजूरी नहीं ली, जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।