कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में ईडी के घेरे में हैं। राहुल गांधी से आज मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ जारी है। राहुल गांधी से बीते दिन सोमवार को करीब 10 घंटे तक पूछताछ चली थी। राहुल गांधी की पेशी के पहले से देश भर में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया गया। बता दें कि ये पहला मौका नहीं है, जब ईडी की कार्रवाई को लेकर बवाल मचा हुआ है। इससे पहले भी कई बार ईडी की कार्रवाई को लेकर बयानबाजी से लेकर प्रदर्शन तक हो चुके हैं। ऐसे में आज आपको बताते हैं कि हाल ही में ईडी ने किन बड़ी राजनीतिक शख्सियतों पर कार्रवाई की है।
सत्येंद्र जैन पर ईडी की कार्रवाई
राहुल गांधी से पहले ईडी ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर कार्रवाई की थी। सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें 30 मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने 13 जून तक के लिए सत्येंद्र जैन को ईडी की हिरासत में भेज दिया था। अप्रैल माह में ईडी ने जैन परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की थीं।
बता दें कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई ने 2017 में एक एफआईआर दर्ज की थी। जांच एजेंसी ने यह एफआईआर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत फाइल की थी। ईडी का केस इसी एफआईआर पर आधारित है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। उसका कहना था कि यह मनी लॉन्ड्रिंग चार कंपनियों के जरिए की गई। ये कंपनियां सत्येंद्र जैन से जुड़ी हैं।
नवाब मलिक पर कार्रवाई
इससे पहले ईडी ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। नवाब मलिक अभी जेल में हैं। ईडी, नवाब मलिक और दाऊद इब्राहिम के बीच के लिंक की जांच कर रही है। ईडी के आरोप पत्र के मुताबिक, नवाब मलिक 16 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी हैं। ईडी के मुताबिक, मुंबई के गोवावाला कंपाउंड के किराएदारों से 14 साल में किराए के तौर पर 11 करोड़ रुपये लिए गए। इसमें से मलिक ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर को 55 लाख रुपये कैश दिए।
ईडी ने आरोप लगाया है कि नवाब मलिक के खिलाफ जो मामला दर्ज किया गया है, वह 15.99 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। इसमें 2007-08 से कुर्ला में गोवावाला कंपाउंड के किरायेदारों से किराए के रूप में एकत्र किए गए 11.7 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। इसे ईडी प्रोसेस ऑफ क्राइम मान रही है।
जेल में हैं अनिल देशमुख
वहीं, इससे पहले ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। देशमुख अभी जेल में हैं। अनिल देशमुख पर 100 करोड़ वसूली का आरोप है। ये मामला मनी लॉन्ड्रिंग और वसूली के आरोपों से जुड़ा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने गृहमंत्री रहते हुए सचिन वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपये देने की मांग की थी।
इस मामले में सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर कार्रवाई की है। आरोप है कि देशमुख जब महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे, तब उन्होंने बार और रेस्टोरेंट मालिकों से 4.7 करोड़ रुपये वसूले थे। ये रकम दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के दौरान वसूली गई थी और इस रकम को मुंबई पुलिस के असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वझे के जरिए वसूला गया था।