नवरात्रि उत्सव से ठीक एक सप्ताह पहले दिल्ली सरकार ने कोविड-19 दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए धार्मिक स्थलों को शुक्रवार से 15 अक्टूबर तक फिर से खोलने की अनुमति दी है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा गुरुवार को जारी ताजा कोविड-19 दिशानिर्देशों के अनुसार, मेलों, रैलियों और जुलूसों के साथ बड़ी सभाओं की अनुमति नहीं होगी। महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सभी धार्मिक स्थलों को अप्रैल से बंद कर दिया गया था।
सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा समारोह पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है और लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों में इस उत्सव को मनाएं। डीडीएमए ने इस साल रामलीला, दशहरा और दुर्गा पूजा पंडालों को भी अनुमति दी है, लेकिन मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) का सख्ती से पालन करते हुए त्योहार मनाना है।
आदेश के अनुसार, सभी कार्यक्रम आयोजकों को पहले से उत्सव के आयोजन के लिए संबंधित जिलाधिकारियों से अपेक्षित अनुमति लेनी होगी और सभी आयोजन स्थल की क्षमता क्षेत्र और सामाजिक दूरी के मानदंडों पर निर्भर करेगी। ये आदेश 15 अक्टूबर मध्यरात्रि तक जारी रहेंगे। दुर्गा पूजा और दशहरा दोनों उत्सव एक ही दिन होंगे।
पिछले साल, जहां दुर्गा पूजा समितियों को पंडाल बनाने से रोक दिया गया था, वहीं रामलीला समितियों को लाइव स्ट्रीमिंग के लिए जाने के लिए कहा गया था। दशहरे के दौरान पुतले जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। इस बीच, डीडीएमए ने यह भी कहा है कि वह नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को त्योहारी सीजन के बाद फिर से खोलने पर फैसला करेंगे।
एक अधिकारी के मुताबिक एक नवंबर से चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जा सकते हैं। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को पिछले 24 घंटों में 47 नए कोविड मामले दर्ज किए और कोई नई मौत नहीं हुई।